लखनऊ पहुंचे अभिनेता अनुपम खेर ने बताया उन्हें क्यों है नवाबों के शहर से बेहद लगाव

लखनऊ मेरे दिल के बहुत करीब है, यहां मैंने काफी समय गुजारा है। बीएनए में अभिनय सीखा भी और सिखाया भी। लखनऊ विश्वविद्यालय का छात्र नहीं था। लेकिन कैम्पस के पास निराला नगर में रहता था। विश्वविद्यालय से गुजरते एक गहरा लगाव महसूस करता हूं। लखनऊ में पहली साइकिल खरीदी थी और साइकिल से लखनऊ में घूमा भी, यहां की गलियों से पूरी तरह से वाकिफ हूं। ये बातें वरिष्ठ अभिनेता अनुपम खेर ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रों से कहीं।


रविवार को वर्चुअल संवाद में अनुपम खेर लेखक यतींद्र मिश्र के संचालन में छात्रों से रूबरू हुए। साहित्य समारोह सत्र में अनुपम खेर ने बताया कि अभिनय सोचने के लिए नहीं करने के लिए है। उन्होंने अपने पिता के बारे में बताया कि वह मेरे सबसे अच्छे दोस्त थे। उन्होंने बताया कि उनकी पसंदीदा पुस्तकें चार्ली चैपलिन की जीवनी, लस्ट फॉर लाइफ, हाउ दी स्टील वाज टेम्पर्ड हैं। अनुपम खेर ने लखनऊ के व्यंग्यकार पंकज प्रसून का भी जिक्र किया। यतींद्र मिश्रा के सवाल पर कि उन्होंने पंकज प्रसून की कविता लड़कियां बड़ी लड़ाका होती हैं को टाइम्स स्क्वायर न्यूयॉर्क से क्यों पढ़ा था? अनुपम खेर ने बताया कि यह उनकी पसंदीदा कविता है और उन्हें लगा कि इस कविता को पूरे विश्व में प्रसारित होना चाहिए। वह उस वक्त न्यूयॉर्क में थे और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्हें लगा कि टाइम्स स्क्वायर से बेहतर दूसरी जगह नहीं हो सकती थी।