मुंबई पुलिस जिस तरह से ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के संस्थापक अर्णब गोस्वामी के घर में घुस कर उठा कर ले गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया, उसे लेकर पूरे भारत में आक्रोश है। दिल्ली के प्रेस क्लब में भी कई पत्रकारों व अन्य लोगों ने पहुँच कर अर्णब गोस्वामी के लिए समर्थन जताया और मुंबई पुलिस व महाराष्ट्र सरकार की निंदा की। ऑपइंडिया सहित कई मीडिया संस्थानों के पत्रकार इस विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे।
साथ ही नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) ने भी महाराष्ट्र सरकार की निंदा करते हुए कहा कि अर्णब गोस्वामी को बिना किसी पूर्व-सूचना के जबरन उनके घर में घुस कर गिरफ्तार किया गया। यूनियन ने कहा कि ये पुलिस बल का दुरूपयोग है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को वश में करने का प्रयास है। यूनियन ने इसे अमानवीय, हृदयहीन और गैर-कानूनी बताया। यूनियन ने ध्यान दिलाया कि कैसे अर्णब को उनके वकीलों की सलाह भी नहीं लेने दी गई।
यूनियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की माँग करते हुए कहा कि राजनीतिक कारणों से अर्णब गोस्वामी को प्रताड़ित किया जा रहा है। साथ ही इसे सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन भी करार दिया। मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बख्शी ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पत्रकारों ने कहा कि ये सब उसी महाराष्ट्र में हो रहा है, जहाँ बालासाहब ठाकरे कार्टून्स के जरिए अपनी बात रखते थे।
ज्ञात हो कि ‘इंडियन डिजिटल मीडिया असोसिएशन (IDMA)’ ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी और मुंबई पुलिस की ‘मनमानी’ पर हैरानी जताई है। ‘रिपब्लिक टीवी’ के अनुसार, अर्णब गोस्वामी के साथ दुर्व्यवहार किया गया, उन्हें जबरन पुलिस थाने ले जाते समय कई गाड़ियों का बदल-बदल कर इस्तेमाल किया गया। चैनल ने ये भी बताया है कि अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस न तो कोई वारंट और न ही कोई अदालती आदेश लेकर आई थी।