टिकरी-सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों और स्थानीय लोगों के बीच हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दरअसल, महीनों से सड़क जाम कर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ अब स्थानीय महिला और बुजुर्गों ने भी मोर्चा खोल दिया है।
टिकरी बॉर्डर की बुजुर्ग महिलाओं ने समाचार चैनल रिपब्लिक भारत से बात करते हुए कहा कि ये प्रदर्शनकारी दारू पीकर हमारे घरों में झाँकते हैं और फब्तियाँ कसते हैं। वहीं, प्रदर्शनकारियों के विरोध में उतरे लोगों का कहना है कि लाला किले पर जो तिरंगे का अपमान किया गया, उससे अब बात बहुत बढ़ चुकी है और वो चुप नहीं बैठेंगे।
सिंघु बॉर्डर पर हालत पर काबू पाने के लिए पुलिस अब आँसू गैस का इस्तेमाल कर रही है और लाठीचार्ज कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय लोगों पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए, जिसके जवाब में स्थानीय लोग भी पत्थर फेंक रहे हैं।
इसी बीच प्रदर्शनकारी किसानों ने एक एसएचओ पर तलवार से हमला कर दिया, जिसमें वो घायेल हो गए। तलवार से हमला करने वाले इस शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
किसान प्रदर्शनकारी लगातार लोगों और पुलिस बल पर पत्थरबाजी कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले किसानों ने पत्थरबाजी शुरू की और अब हालात और बिगड़ सकते हैं। हालात इतने तनावपूर्ण हैं कि स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारी किसानों में संघर्ष हो रहा है। और अब पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ रहा है।
शुक्रवार (जनवरी 29, 2021) दोपहर करीब 1 बजे नरेला की तरफ से आए लोग धरनास्थल पर पहुँचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की माँग करने लगे। इनका कहना था कि किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं।