सिख्स फॉर जस्टिस संगठन क्या है? सरकार ने इसे क्यों प्रतिबंधित किया?

दोबारा सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार आतंकवाद, आतंकवादियों, आतंकवादी संगठनों और अलगाववादियों के खिलाफ कड़े फैसले लेने का काम जारी रखे हुए है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाये जा रहे हैं साथ ही विदेश आधारित भारत विरोधी संगठनों पर भी लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार मुस्तैदी के साथ काम कर रही है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने बुधवार को खालिस्तान समर्थक संगठन द सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) को इसकी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में SFJ को गैर-कानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (UAPA) के तहत प्रतिबंधित घोषित करने का फैसला किया गया। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन आदि में विदेशी नागरिकता के कुछ कट्टरपंथी सिखों की ओर से संचालित संगठन SFJ को UAPA, 1967 की धारा 3 (1) के प्रावधानों के तहत गैर-कानूनी घोषित किया गया था। 


क्या है SFJ ?

अमेरिका स्थित SFJ अपने अलगाववादी एजेंडा के तहत 2020 में सिख जनमत-संग्रह की वकालत करता रहा है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य पंजाब में एक ‘‘स्वतंत्र एवं संप्रभु देश’’ स्थापित करना है। यह खालिस्तान के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखता है और इस प्रक्रिया में भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को चुनौती देता है। SFJ खासकर ऑनलाइन मंचों पर सक्रिय है और इसके दो लाख से ज्यादा समर्थक हैं। लेकिन शारीरिक तौर पर इसके सदस्यों की सक्रियता बहुत कम है और इसके महज आठ-दस सक्रिय सदस्य हैं। SFJ के सक्रिय सदस्य परमजीत सिंह पम्मा ने हाल में विश्व कप क्रिकेट के एक मैच के दौरान 30 जून को भारत विरोधी नारेबाजी की थी।

पंजाब से क्या है कनेक्शन?

SFJ पंजाब में अमन और चैन भंग करने के लिए जब-तब प्रयास करता रहता है। पंजाब पुलिस और एनआईए ने कई बार इस चरमपंथी संगठन के मॉड्यूल का भंडाफोड़ भी किया है। SFJ पंजाब में गरीब युवकों को बहका कर उनसे हिंसा तथा आगजनी की घटनाएं करवाता था। इस संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को फंड मुहैया कराने का काम विदेश में बैठे SFJ के हैंडलर्स गुरपतवंत सिंह पन्नून, हरमीत सिंह और परमजीत सिंह पम्मा करते हैं। गत वर्ष इस संगठन ने युवाओं को 'लंदन डिक्लेयरेशन' कार्यक्रम में भाग लेने के लिए निःशुल्क यात्रा का प्रलोभन भी दिया था। इस संगठन का मूल उद्देश्य पंजाब को भारत से अलग करने का है और इस काम में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इसकी सीधी मदद करती है। यह संगठन करतारपुर कॉरिडोर के जरिये अपनी गतिविधियां चलाने की कोशिश भी कर रहा था। माना जा रहा है कि 14 जुलाई को करतारपुर कॉरिडोर मुद्दे पर जो पाकिस्तान के साथ बैठक होनी है, भारत उसमें यह मुद्दा उठा सकता है।


पंजाब के मुख्यमंत्री ने फैसले को सराहा

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने SFJ को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह ‘‘आतंकवादी संगठन’’ माने जाने लायक है। उन्होंने इसे आईएसआई समर्थित संगठन के ‘‘भारत विरोधी और अलगाववादी मंसूबों’’ से देश की रक्षा करने की दिशा में पहला कदम करार दिया है। भारत के कई सिख संगठन केंद्र सरकार से बहुत पहले से ही यह मांग कर रहे थे कि SFJ को प्रतिबंधित किया जाये क्योंकि पाकिस्तान समर्थित यह संगठन समुदाय के युवाओं को भटकाने का काम कर रहा था। पिछले दिनों इस संगठन से जुड़े कई लोगों को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार भी किया था। इस संगठन की ऑनलाइन गतिविधियों पर भी सरकार की नजर शुरू से बनी हुई है और इसके कई पेज ब्लॉक किये गये हैं। भारत ही नहीं अमेरिकी अदालत ने भी फेसबुक को आदेश दे रखा है कि 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) के फेसबुक पेजों को ब्लॉक कर दिया जाये।