किसानों ने बंगाल चुनाव में भाजपा के खिलाफ खोला मोर्चा, नंदीग्राम में कल महापंचायत

तीन कृ़षि कानूनों के विरोध में तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान संगठनों के वरिष्ठ नेताओं ने अब पश्चिम बंगाल पहुंचकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार से सिलसिलेवार तीन दिन तक किसान नेता महापंचायतें, रैलियां, जनसभाएं आदि के जरिए नए कानूनों को लेकर भाजपा की घेराबंदी करेंगे।


मोर्चा के नेता अपने कार्यक्रमों में बंगाल की जनता से भाजपा को वोट नहीं देने की अपील करेंगे। वह किसी एक दल का समर्थन नहीं देने की राह पर है, उनका मकसद भाजपा को टक्कर देने वाले दूसरे दल के प्रत्याशी को जिताना है। इसमें नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सीट भी शामिल है।

बंगाल की गलियों में भाजपा के खिलाफ किसानों का रोड शो
यह रणनीति बंगाल चुनाव पर कितना असर डालती है यह वक्त बताएगा। लेकिन किसानों के इस सियासी कदम से भाजपा नेताओं को आशंकित कर दिया है। किसानों के बंगाल में पहुंचने से तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, वामदलों के नेता भी गुणाभाग में लग गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा 12 से 14 मार्च के बीच बंगाल की राजधानी कोलकाता, नंदीग्राम, सिंगुर, आसनसोल में निरंतर एक के बाद एक रैलियां, रोड शो, किसान महापंचायतें, जनसभाएं करेगा। इसके अलावा मोर्चा के नेता स्थानीय मीडिया के जरिए भी अपनी बात आम जनता तक पहुंचाएगा। नए कृषि संबंधी सामग्री भी लोगों में वितरित की जाएगी।

टिकैत और योगेन्द्र यादव भी रहेंगे मौजूद
मोर्चा के बड़े नेताओं में राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरुनाम सिंह चढूनी, हन्नान मुल्ला, युद्ववीर सिंह के अलावा मेघा पाटकर, योगेद्र यादव उक्त कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगे। ये नेता किसानों के अलावा मजदूर व गरीबों को कृषि कानून से होने वाले नुकसान को बताएंगे। सभाओं में डेढ़ सौ से अधिक आंदोलनरत किसानों की मौत के मुद्दे को उठाकर मोर्चा के नेता भाजपा को कठघरे में खड़ा करेंगे।

बुद्धिजीवियों के साथ भी कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे किसान
किसान नेता भवानीपुर में समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों के साथ कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा शनिवार को बंगाल की सबसे हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट नंदीग्राम में संयुक्त किसान मोर्चा किसान महापंचायत करेगा। जानकारों का कहना है कि किसान नेताओं द्वारा भाजपा के खिलाफ महौल बनाने से इसका असर चुनाव पर पड़ेगा। संयुक्त मोर्चा बंगाल के अलावा असम, केरल, तमिलनाडु में भी भाजपा के खिलाफ किसान पंचायत करने की योजना बना रहा है। इसके बारे में जल्द ही घोषणा हो सकती है।