कोरोना वायरस संकट के बीच देश में ऑक्सीजन को लेकर जारी हाहाकार के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि पीएम केयर्स फंड के जरिए देशभर के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन बनाने वाले 551 पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसॉर्प्शन) संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। बता दें कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी का संकट गहराता जा रहा है। हर दिन ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई लोगों की मौतें हो जा रही हैं।
पीएमओ कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और इसके मद्देनजर अस्पतालों में तेज होती ऑक्सीजन की मांग के मद्देनजर प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (पीएम केयर्स) से देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य केंद्रों में 551 पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में रविवार को कहा कि पीएम केयर्स कोष ने इन संयंत्रों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इन संयंत्रों को जल्द से जल्द क्रियान्वित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों से जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता को बल मिलेगा।
इन संयंत्रों की स्थापना विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के जिला मुख्यालयों में चिह्नित अस्पतालों में की जाएगी और केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय यह काम करेगा। पीएम केयर्स कोष से इससे पहले से देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य केंद्रों में 162 पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
गौरतलब है कि 27 मार्च 2020 को कोविड-19 महामारी जैसी किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य से एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और उससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए 'आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष' (पीएम केयर्स फंड) के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया था।
देश में कोरोना की स्थिति
भारत में एक दिन में कोविड-19 के रिकॉर्ड 3,49,691 नए मामले आने के साथ ही संक्रमण के मामले बढ़कर 1,69,60,172 पर पहुंच गए जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26 लाख के पार चली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान संक्रमण के कारण 2,767 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 1,92,311 पर पहुंच गई है।