चोर ने लौटाई कोरोना वैक्सीन, बोला- 'सॉरी पता नहीं था कोरोना की दवा है'

हरियाणा के जींद जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल के पीपी सेंटर से बुधवार रात चोरी की गई कोरोना वैक्सीन को चोर गुरुवार को थाने के बाहर खोखे में छोड़ गया। वैक्सीन चोरी के लिए चोर ने सॉरी भी बोला है। पीपी सेंटर से वैक्सीन डोज तथा फाइलें गायब होने से हड़कंप मच गया था। चोरी की गई वैक्सीन डोज की कीमत करीब ढाई लाख रुपये बताई गई थी।


 

एक नकाबपोश युवक मोटरसाइकल पर सवार होकर थाने के बाहर बने खोखे पर यह दवा एक कपड़े में लपेट कर यह बताकर छोड़ गया कि इसमें थाने के मुंशी की रोटी है। कपड़े में एक पर्ची भी रखी मिली, जिस पर लिखा था, 'सॉरी पता नहीं था कोरोना की दवाई है'। अब सिविल लाइन थाना पुलिस सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से युवक का सुराग लगाने में जुट गई है। हालांकि, पीपी सेंटर से गायब हुई फाइलों का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है।

जींद के डीएसपी जितेंद्र खटकर ने कहा, ''12:30 बजे एक अज्ञात व्यक्ति चाय की दुकान पर आया और उसने एक बुजुर्ग आदमी को बैग दिया। इस बैग से चोरी हुए 1710 कोरोना टीके बरामद हुए। जांच जारी है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।''

उल्लेखनीय है कि सामान्य अस्पताल के पीपी सेंटर में बुधवार शाम विभिन्न टीकाकरण शिविरों से बची हुई कोरोना की 1710 डोज को वहां फ्रिज में रखा गया था। आधी रात को दो चोरों ने सेंटर के तालों को तोड़ कर वैक्सीन चुरा ली। वैक्सीन के साथ ही चोर दूसरे कमरे में रखी इंक्वायरी फाइलें भी चोरी कर ले गए। चोरी की घटना का गुरुवार सुबह उस समय पता चला जब स्टाफ पीपी सेंटर पर पहुंचा। चोरी की यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। 

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हैरानी इस बात की है कि पीपी सेंटर में दवाइयों का स्टोर भी है। स्टोर से कोई दवा गायब नहीं हुई। इसके अलावा पीपी सेंटर में रखी 50 हजार रुपये की नकदी को भी नहीं छेड़ा गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि चोरी हुई वैक्सीन में 1270 कोविशील्ड और 440 कोवैक्सीन हैं। उन्होंने कहा कि टैम्प्रेचर टूटने के बाद वैक्सीन खराब हो जाती है। फिलहाल मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

वैक्सीन चोरी की घटना की सूचना मिलते ही डीआईजी ओपी नरवाल, सीएम फ्लाइंग के डीएसपी रविंद्र अमले के साथ मौके पर पहुंच गए और हालातों का जायजा लिया था। नरवाल ने बताया कि चोरी की वारदात को किसी जानकार व्यक्ति ने अंजाम दिया है। सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया गया है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। 

डीएसपी धर्मवीर, सिविल लाइन थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह, सीआईए स्टाफ प्रभारी मनोज वर्मा, सीन ऑफ क्राइम टीम के साथ पीपी सेंटर पहुंचे और साक्ष्यों को जुटाया। बाद में डीआईजी कम एसपी ओपी नरवाल भी पीपी सेंटर में पहुंचे और उन्होंने टूटे हुए तालों, चोरी हुए सामान वाले कमरों की बारीकी से जांच की और जानकारी जुटाई। फिलहाल सिविल लाइन थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।