शोधकर्ताओं ने चेताया: गहरी नींद नहीं ले पा रहे हैं तो दिमाग समय से पहले हो जाएगा बूढ़ा, डिमेंशिया का भी खतरा

बेहतर सेहत के लिए न सिर्फ 6-8 घंटे की नींद जरूरी है, साथ ही जरूरी है कि आपकी नींद गहरी भी हो। नींद की गुणवत्ता को कई अध्ययनों में बेहतर स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक बताया गया है। यदि आपकी नींद बार-बार टूट जाती है या फिर स्लीप एपनिया या अनिद्रा जैसी स्वास्थ्य समस्या के शिकार हैं तो सावधान हो जाइए, यह आपकी दिक्कतों को काफी हद तक बढ़ाने वाली हो सकती है। 


शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया है कि जिन लोगों की नींद अच्छी तरह से पूरी नहीं होती है या फिर आप गहरी नींद नहीं ले पा रहे हैं तो ये स्थिति गंभीर रोगों का कारण बन सकती है। यह कई प्रकार की न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने के साथ स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति का भी कारण बन सकती है।

वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि सभी लोगों को इन रोगों से बचाव के लिए नींद की गुणवत्ता में सुधार करने के तरीकों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

गहरी नींद की कमी बढ़ा देती है मस्तिष्क की समस्याओं का जोखिम
जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि स्लीप एपनिया वाले लोग, जिन्हें अक्सर गहरी नींद न ले पाने की समस्या होती है, उनमें मस्तिष्क संबंधी विकारों का जोखिम अधिक हो सकता है। ऐसे लोगों में डिमेंशिया, अल्जाइमर रोग या स्ट्रोक का जोखिम अन्य लोगों की तुलना में अधिक देखा गया है।

इससे पहले के अध्ययनों में नींद की समस्याओं और संज्ञानात्मक गिरावट के साथ डिमेंशिया के बीच संबंधों को दिखाया गया था। इस अध्ययन में इसके संभावित कारणों को पता लगाने की कोशिश की गई है।