श्रीकांत शिंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि डोंबिवली के कुछ नेता अपनी स्वार्थ की राजनीति के लिए भाजपा-शिंदे गुट (गठबंधन) के लिए बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे किसी पद की लालसा नहीं है।
महाराष्ट्र की राजनीति में हमेशा ही उथल-पुथल देखने को मिलती है। इसी क्रम में, राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा में दरार आने के संकेत मिले हैं। दरअसल, सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा देने तक की बात कह दे दी।
श्रीकांत शिंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि डोंबिवली के कुछ नेता अपनी स्वार्थ की राजनीति के लिए भाजपा-शिंदे गुट (गठबंधन) के लिए बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। भाजपा-शिवसेना का वरिष्ठ नेतृत्व जो भी उम्मीदवार तय करेगा, मैं उसका समर्थन करूंगा।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य फिर से भाजपा-शिवसेना गठबंधन बनाना है और केंद्र में भाजपा के साथ सरकार बनाना है। हम इस दिशा में जो काम कर रहे हैं। श्रीकांत ने आगे कहा कि अगर कोई उसका विरोध करता है, अगर कोई नाराज है और गठबंधन में कोई गड़बड़ी होती है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं।