हरियाणा में सत्तासीन बीजेपी का डेरा सच्चा सौदा और उसके अनुयायियों को
लेकर प्रेम खत्म ही नहीं हो रहा है. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम
रहीम भले ही जेल जा चुका है. उसके तमाम करीबी भी सलाखों के पीछे पहुंच चुके
हैं या फिर फरार चल रहे हैं. इसके बावजूद हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी
के नेता, विधायक और मंत्री पंचकूला में 25 अगस्त को गुरमीत राम रहीम को
दोषी करार दिए जाने के बाद अपनी ही सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई पर सवाल
उठा रहे हैं.
ताजा घटनाक्रम में भाजपा के विधायक कुलवंत बाजीगर ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 25 अगस्त को पंचकूला में निर्दोष लोगों को गोलियां मारी गयी. डेरा समर्थक समाज के लिए काम करते थे और खूनदान, अंगदान और अन्य सामाजिक काम करके डेरे की ओर से भागीदारी करते थे.
कुलवंत बाजीगर ने कहा कि डेरा प्रेमी देशद्रोही नहीं बल्कि देश प्रेमी हैं. वो इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने पंचकूला में पुलिस की फायरिंग में मारे गये मृतकों को मुआवजा देने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि हनीप्रीत, आदित्य इंसा और डेरे से जुड़े बाकी लोगों के खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मुकदमे भी वापिस होने चाहिए. ये सब लोग निर्दोष है इन्हें फंसाया जा रहा है.
कुलवंत बाजीगर के बयान पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसी निर्दोष व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं होगी. मुआवजे को लेकर हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा है सरकार अपनी तरफ से मुआवजे की बात नहीं करेगी, कोर्ट निर्धारित करेगा किसको क्या मुआवजा देना है.
हनीप्रीत, पवन इंसा, आदित्या इंसा आदि के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे पर सीएम ने कहा कि कानून अपना काम कर रही है. हालांकि सीएम खट्टर ने इस बात का जवाब नहीं दिया कि जब पुलिस ने देशद्रोह और दंगे फैलाने के आरोप में हनीप्रीत, आदित्य इंसा और डेरे के अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रखे हैं तो ऐसे में उनकी ही पार्टी के विधायक पुलिस और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कैसे इन दंगा भड़काने की साजिश करने वालों को बेकसूर बता रहे हैं.
हरियाणा विधानसभा में तमाम राजनीतिक पार्टियों को डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों में अभी भी एक बड़ा वोट बैंक नजर आ रहा है. इसी वजह से भले ही सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी हो या इंडियन नेशनल लोकदल और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां, ये तमाम पार्टियां एक सुर में चाहती हैं कि पंचकूला में 25 अगस्त को गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद हिंसा में मारे गए लोगों को मुआवजा दिया जाए. इससे पहले ही वो सदन में पढ़े जाने वाले शोक संदेश में दंगे भड़कने के बाद पुलिस फायरिंग में मारे गए डेरा सच्चा सौदा से जुड़े लोगों को श्रद्धांजलि दिलवा चुकी हैं. और अब तो हाल ये हो गया है कि सरकार के विधायक अपनी ही पुलिस और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए डेरा सच्चा सौदा से जुड़े तमाम लोगों को निर्दोष बता रहे हैं.
ताजा घटनाक्रम में भाजपा के विधायक कुलवंत बाजीगर ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 25 अगस्त को पंचकूला में निर्दोष लोगों को गोलियां मारी गयी. डेरा समर्थक समाज के लिए काम करते थे और खूनदान, अंगदान और अन्य सामाजिक काम करके डेरे की ओर से भागीदारी करते थे.
कुलवंत बाजीगर ने कहा कि डेरा प्रेमी देशद्रोही नहीं बल्कि देश प्रेमी हैं. वो इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने पंचकूला में पुलिस की फायरिंग में मारे गये मृतकों को मुआवजा देने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि हनीप्रीत, आदित्य इंसा और डेरे से जुड़े बाकी लोगों के खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मुकदमे भी वापिस होने चाहिए. ये सब लोग निर्दोष है इन्हें फंसाया जा रहा है.
कुलवंत बाजीगर के बयान पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसी निर्दोष व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं होगी. मुआवजे को लेकर हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा है सरकार अपनी तरफ से मुआवजे की बात नहीं करेगी, कोर्ट निर्धारित करेगा किसको क्या मुआवजा देना है.
हनीप्रीत, पवन इंसा, आदित्या इंसा आदि के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे पर सीएम ने कहा कि कानून अपना काम कर रही है. हालांकि सीएम खट्टर ने इस बात का जवाब नहीं दिया कि जब पुलिस ने देशद्रोह और दंगे फैलाने के आरोप में हनीप्रीत, आदित्य इंसा और डेरे के अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रखे हैं तो ऐसे में उनकी ही पार्टी के विधायक पुलिस और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कैसे इन दंगा भड़काने की साजिश करने वालों को बेकसूर बता रहे हैं.
हरियाणा विधानसभा में तमाम राजनीतिक पार्टियों को डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों में अभी भी एक बड़ा वोट बैंक नजर आ रहा है. इसी वजह से भले ही सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी हो या इंडियन नेशनल लोकदल और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां, ये तमाम पार्टियां एक सुर में चाहती हैं कि पंचकूला में 25 अगस्त को गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद हिंसा में मारे गए लोगों को मुआवजा दिया जाए. इससे पहले ही वो सदन में पढ़े जाने वाले शोक संदेश में दंगे भड़कने के बाद पुलिस फायरिंग में मारे गए डेरा सच्चा सौदा से जुड़े लोगों को श्रद्धांजलि दिलवा चुकी हैं. और अब तो हाल ये हो गया है कि सरकार के विधायक अपनी ही पुलिस और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए डेरा सच्चा सौदा से जुड़े तमाम लोगों को निर्दोष बता रहे हैं.