प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय संघ के साथ भारत की साझेदारी को महत्वपूर्ण करार देते आज कहा कि दोनों पक्ष विश्व स्तर पर आतंक के खिलाफ मिलकर संघर्ष करने तथा निवेश, व्यापार, स्वच्छ प्रौद्योगिकी समेत आर्थिक क्षेत्र में आपसी सहयोग को और दृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है।
साझेदारी भारत के लिए बहुत मूल्यवान
मोदी ने यहां आयोजित ‘भारत- यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन’ के बाद मीडिया के समक्ष वक्तव्य में कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू)के साथ बहु-आयामी साझेदारी भारत के लिए बहुत मूल्यवान है और दोनों पक्षों की रणनीतिक भागीदारी खास महत्व रखती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1962 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना के बाद भारत उससे कूटनीतिक संबंध स्थापित करने वाले अग्रणी देशों में था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ मिल कर काम करने और इस पर सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर दोनों पक्ष सहमत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसपर हम न सिर्फ द्विपक्षीय स्तर पर अपना सहयोग मजबूत करेंगे, बल्कि वैश्विक मंच पर भी हम अपना सहयोग और समन्वय बढ़ाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर दोनों पक्ष पेरिस समझौते पर प्रतिबद्ध हैं और दोनों पक्ष की इस संबंध में सुरक्षित, सस्ती और सतत् ऊर्जा की साझी प्राथमिकताएं हैं। नवीनीकरणीय ऊर्जा की लागत कम करने के लिए दोनों पक्ष सहयोग करते रहेंगे। इसके अलावा स्मार्ट शहरों के विकास और शहरी आधारभूत ढांचा सुधारने के दिशा में भी यूरोपीय संघ का सहयोग जारी रहेगा।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच नागरिक उड्डयन समझौता होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे दोनों पक्षों के बीच विमान संपर्क बढ़ेगा और आम जनता के आपसी संबंधों को बल मिलेगा। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच हुए समझौते को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे दोनों देशों के विशेषज्ञों का आपसी संपर्क बढ़ेगा और युवा वैज्ञानिकों तथा अनुसंधान को लाभ होगा। उन्होंने यूरोपीय निवेश बैंक के साथ ऋण समझौते का भी स्वागत किया।