पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को नेस्तनाबूत करने में हम सक्षम हैं: वायुसेना प्रमुख

we are capable of targetting Pakistan nuclear sites: Air Chief Marshal BS Dhanoa

85वें वायुसेना दिवस से पहले आज वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि चीन और पाकिस्तान से एक साथ युद्ध की संभावनाएं कम लगती हैं लेकिन दुश्मन की नीयत रातोंरात बदल सकती है. इसलिए हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. साथ ही पाकिस्तान की टैक्टिकल न्यूक्लियर मिसाइल की धमकियों पर उन्होंने कहा कि वायुसेना सीमापार किसी भी परमाणु ठिकानों का पता लगाने और हवाई हमलों से नेस्तनाबूत करने में सक्षम है.
बीएस धनोआ आज वायुसेना की सालाना प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि डोकलाम विवाद भले ही खत्म हो गया हो लेकिन चुंबी घाटी में चीन के सैनिक बड़ी तादाद में मौजूद हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि ये सैनिक युद्धाभ्यास के लिए मौजूद हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि युद्धाभ्यास के बाद वे वापस लौट जाएंगे. डोकलाम विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि उस वक्त भी चीनी वायुसेना की पूरी ताकत तिब्बत में मौजूद थी, लेकिन उनके लडाकू विमान कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि एलएसी के बीस किलोमीटर के दायरे में नहीं आए.
दरअसल, एलएसी के 20 किलोमीटर के दायरे में दोनों देश के लड़ाकू विमान नहीं आते हैं, जो दोनों देशों के बीच में अलिखित समझौता है. एयर चीफ मार्शल धनोआ के मुताबिक, डोकलाम विवाद के दौरान भी उनकी वायुसेना तिब्बत के दो एयरबेस पर युद्धाभ्यास कर रही थी. उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों ही युद्ध नहीं चाहते हैं. उन्होनें कहा कि टू-फ्रंट वॉर आज के जियो-पॉलिटिक्ल परिस्थितियों में इसकी संभावनाएं कम हैं लेकिन हमें इसके लिए तैयार रहना होगा.
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और आंतरिक सुरक्षा पर उन्होनें कहा कि लोकतंत्र होने के नाते हम अपने लोगों पर कभी भी हवाई हमले नहीं करेंगे, लेकिन सुरक्षाबलों को रेकी और निगरानी से जुड़ी जानकारियां देते रहेंगे. सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि स्पेशल फोर्सेस ने वायुसेना की मदद नहीं ली थी, क्योंकि सर्जिकल स्ट्राइक कौन करेगा इसका फैसला सरकार ने किया था, लेकिन वायुसेना किसी भी तरह की चुनौतियों के लिए तैयार है.
पाकिस्तान की टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हालांकि इसके लिए भारत की न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन है लेकिन वायुसेना सीमापार किसी भी ठिकाने का पता लगाने और एयर-स्ट्राइक करने में सक्षम है. एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भले ही वायुसेना के पास पर्याप्त 42 लड़ाकू विमानों की स्‍क्‍वाड्रन नहीं है लेकिन वायुसेना के पास प्लान-बी है जिसके तहत थलसेना और नौसेना के साथ मिलकर टू-फ्रंट वॉर लड़ सकते हैं.