राजधानी के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर बने भाजपा के हाईटेक मुख्यालय के
उद्घाटन के साथ ही करीब 34 साल बाद पार्टी का पता आज से बदल गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के
साथ नए मुख्यालय उद्घाटन किया। भाजपा मुख्यालय का अब पता 11 अशोक रोड से
बदलकर अब 6-ए दीनदयाल उपाध्याय हो गया। करीब आठ हजार वर्गमीटर भूभाग में
फैले मुख्यालय में तीन ब्लॉक हैं। इस इमारत का शिलान्यास मोदी ने ही 18
अगस्त 2016 को किया था। मुख्यालय को सभी प्रकार की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी
से लैस किया गया है। मुख्यालय का 70 प्रतिशत हिस्सा हरित क्षेत्र है। इस
दौरान मोदी ने वहां उपस्थित सभी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी
के बाद देश में जितने भी आंदोलन हुए हैं, उन सारे आंदोलनों का नेतृत्व
जनसंघ और भाजपा ने किया जिसका उन्हें बहुत गर्व है। उन्होंने कहा कि हमारी
पार्टी राष्ट्रभक्ति से रंगी है और राष्ट्रहित के लिए मरने मिटने वाले
असंख्य कार्यकर्त्ताओं के त्याग एवं तपस्या से इस पार्टी की रचना हुई है।
-मोदी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और दिवंगत सुंदर सिंह भंडारी के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि आडवाणी हमेशा संगठनात्मक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का अध्ययन करते रहते थे और भंडारी भी हमेशा से कोई समझौता किए बिना संविधान के अनुसार पार्टी कैसे चले और सदस्यता कैसे बढ़े, प्रक्रियाएं कैसी हों, इसकी चिंता करते थे।
-‘इन्हीं चीजों के कारण भाजपा का आज का ‘पिण्ड शत प्रतिशत लोकतांत्रिक पिण्ड है।’ लोकतंत्र के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में वहां के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप काम करने की जरूरत होती है। सोचने, काम करने, निर्णय लेने और उसे लागू करने में लोकतंत्र की शिक्षा दीक्षा हमें मिली है।
-आज जब जनता ने हमें सत्ता के माध्यम से सेवा का मौका दिया है तब ये लोकतांत्रिक संस्कार बहुत काम आ रहे हैं। सबको साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहे हैं।
-स्वार्थवश राजनीतिक दलों का एक होना अलग बात है, लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों और क्षेत्रीय अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लक्ष्य के साथ पार्टियों को साथ लेकर चलना दूसरी बात। इस मामले में भी भाजपा ने एक अलग मुकाम हासिल किया है।
-लोकतांत्रिक तरीके से साथियों को साथ लेकर गठबंधन में क्षेत्रीय आकांक्षाओं के साथ संतुलन कायम करते हुए अलग-अलग दलों की ताकत को जोड़ते हुए देश की आशाओं एवं आकांक्षाओं को कैसे पूरा किया जा सकता है, यह प्रयोग भी भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने दिखाया। इसका मूल कारण हमारी सोच, विचार, संस्कार रग-रग में लोकतंत्र हैं और उसी के कारण सबके साथ चलने में हम लोग यथासंभव सफलता पूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।
-नया कार्यालय भवन ईंट- पत्थर की इमारत नहीं बल्कि यह जनसंघ के समय से हजारों लाखों कार्यकर्त्ताओं की अपेक्षाओं की इमारत है।
-कार्यकर्त्ता इस मुख्यालय की आत्मा है और विश्वास है कि पार्टी कार्यकर्त्ता यहां से संचित शक्ति देश की कोटि-कोटि जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने में लगाएंगे।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान आडवाणी और डॉॅ. जोशी को अपने पास बुलाकर उनसे भी शिलापट्ट का अनावरण कराया। प्रधानमंत्री एवं अन्य नेताओं ने बाद में बहुमंजिले मुख्यालय का अवलोकन भी किया।
नए मुख्यालय की खासियत
मुख्यालय को सभी प्रकार की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस किया गया है। मुख्यालय का 70 प्रतिशत हिस्सा हरित क्षेत्र है। यहां डिजिटल लाइब्रेरी से लेकर वाई-फाई और वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। बेसमेंट में दो फ्लोर की पार्किंग व्यवस्था की गई है, जिसमें एक साथ कम से कम 300 वाहन पार्क किए जा सकते हैं। इस मुख्यालय में सौर ऊर्जा से बिजली आपूर्ति की भी वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं वाटर हार्वेसिंटग प्रणाली से भी इस इमारत को सुसज्जित किया गया है।
-मोदी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और दिवंगत सुंदर सिंह भंडारी के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि आडवाणी हमेशा संगठनात्मक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का अध्ययन करते रहते थे और भंडारी भी हमेशा से कोई समझौता किए बिना संविधान के अनुसार पार्टी कैसे चले और सदस्यता कैसे बढ़े, प्रक्रियाएं कैसी हों, इसकी चिंता करते थे।
-‘इन्हीं चीजों के कारण भाजपा का आज का ‘पिण्ड शत प्रतिशत लोकतांत्रिक पिण्ड है।’ लोकतंत्र के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में वहां के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप काम करने की जरूरत होती है। सोचने, काम करने, निर्णय लेने और उसे लागू करने में लोकतंत्र की शिक्षा दीक्षा हमें मिली है।
-आज जब जनता ने हमें सत्ता के माध्यम से सेवा का मौका दिया है तब ये लोकतांत्रिक संस्कार बहुत काम आ रहे हैं। सबको साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहे हैं।
-स्वार्थवश राजनीतिक दलों का एक होना अलग बात है, लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों और क्षेत्रीय अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लक्ष्य के साथ पार्टियों को साथ लेकर चलना दूसरी बात। इस मामले में भी भाजपा ने एक अलग मुकाम हासिल किया है।
-लोकतांत्रिक तरीके से साथियों को साथ लेकर गठबंधन में क्षेत्रीय आकांक्षाओं के साथ संतुलन कायम करते हुए अलग-अलग दलों की ताकत को जोड़ते हुए देश की आशाओं एवं आकांक्षाओं को कैसे पूरा किया जा सकता है, यह प्रयोग भी भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने दिखाया। इसका मूल कारण हमारी सोच, विचार, संस्कार रग-रग में लोकतंत्र हैं और उसी के कारण सबके साथ चलने में हम लोग यथासंभव सफलता पूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।
-नया कार्यालय भवन ईंट- पत्थर की इमारत नहीं बल्कि यह जनसंघ के समय से हजारों लाखों कार्यकर्त्ताओं की अपेक्षाओं की इमारत है।
-कार्यकर्त्ता इस मुख्यालय की आत्मा है और विश्वास है कि पार्टी कार्यकर्त्ता यहां से संचित शक्ति देश की कोटि-कोटि जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने में लगाएंगे।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान आडवाणी और डॉॅ. जोशी को अपने पास बुलाकर उनसे भी शिलापट्ट का अनावरण कराया। प्रधानमंत्री एवं अन्य नेताओं ने बाद में बहुमंजिले मुख्यालय का अवलोकन भी किया।
नए मुख्यालय की खासियत
मुख्यालय को सभी प्रकार की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस किया गया है। मुख्यालय का 70 प्रतिशत हिस्सा हरित क्षेत्र है। यहां डिजिटल लाइब्रेरी से लेकर वाई-फाई और वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। बेसमेंट में दो फ्लोर की पार्किंग व्यवस्था की गई है, जिसमें एक साथ कम से कम 300 वाहन पार्क किए जा सकते हैं। इस मुख्यालय में सौर ऊर्जा से बिजली आपूर्ति की भी वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं वाटर हार्वेसिंटग प्रणाली से भी इस इमारत को सुसज्जित किया गया है।