राफेल विमान सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली
ने आज कहा कि इस प्रकार के आरोप लगाकर वह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के
साथ गंभीर समझौता कर रहे हैं और इस बारे में उन्हें प्रणब मुखर्जी से सीखना
चाहिए । जेटली ने कहा, ‘‘ मेरा आरोप है कि वह (कांग्रेस अध्यक्ष) भारत की
सुरक्षा से गंभीर समझौता कर रहे हैं।’’ वर्ष 2018..19 के केंद्रीय बजट पर
चर्चा का उत्तर देते हुए जेटली ने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार पर भ्रष्टाचार
के आरोप रहे है, ऐसे में अब वह राजग सरकार में भ्रष्टाचार तलाशने का
प्रयास कर रही है। उसे कुछ नहीं मिला तो राफेल का मुद्दा उठा रहे हैं । इस
बारे में कांग्रेस सदस्य शशि थरूर द्वारा सवाल उठाने पर जेटली ने कहा, ‘‘
आपकी पार्टी के अध्यक्ष ने ऐसे आरोप राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर गढ़े हैं
। ’’
जेटली
ने कहा कि राफेल डील की जानकारी राष्ट्रहित में जगजाहिर नहीं कर सकते हैं
क्योंकि ऐसा करने से दुश्मन को उस हथियार का ब्यौरा मिल जायेगा । किसी भी
देश से जब ऐसा सौदा होता है, सुरक्षा समझौता में यह निहित होता है और अगर
इसका ब्यौरा देंगे तो हथियार प्रणाली की क्षमता जाहिर हो जायेगी । जेटली ने
इस संदर्भ में कांग्रेस के जमाने में उनके मंत्री के दिए जवाबों का हवाला
दिया। उन्होंने कहा कि जब प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री थे तक उन्होंने
राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर अमेरिका से हथियार खरीद की जानकारी
सार्वजनिक नहीं की थी। उन्होंने कहा कि ए के एंटनी ने भी इस्रायल से हथियार
खरीद की जानकारी नहीं दी थी। जेटली के जवाब के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी सदन में आए और वह कुछ कहना चाह रहे थे । लेकिन अध्यक्ष ने
उन्हें अनुमति नहीं दी। इस पर कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर
नारेबाजी करने लगे । उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी और पार्टी के सदस्य राफेल सौदे का मुद्दा उठा रहे हैं और इसको
लेकर वर्तमान सरकार पर सबसे बड़े घोटाले का अरोप लगा रहे हैं ।