आपने अक्सर सुना होगा कि शादी दो लोगो का नहीं बल्कि दो आत्माओ का मिलन
होता है. जी हां शादी के समय जब दो लोग सात फेरे लेते है, तब वो दोनों एक
दूसरे के साथ पूरी जिंदगी निभाने की कस्मे खाते है. इसके इलावा शादी के बाद
सुहागरात पर दोनों सच्ची भावना से अपना सब कुछ एक दूसरे को समर्पित कर
देते है. हालांकि इस दौरान इंसान प्यार में इतना डूबा होता है कि उसे ये भी
होश नहीं रहता कि वो कहा है ? ऐसे में इंसान जाने अनजाने में ही सही लेकिन
पाप तो कर बैठता है.
गौरतलब है कि शास्त्रों में दाम्पत्य जीवन को लेकर कुछ खास नियम बनाये
गए है, जिसका हर इंसान को पालन करना ही चाहिए. आपकी जानकारी के लिए बता दे
कि इन नियमो का पालन करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता और
साथ ही घर में सुख समृद्धि आती है. वैसे शास्त्रों में पति पत्नी के
शारीरिक संबंध बनाने को लेकर कुछ नियम बनाये गए है. जी हां शास्त्रों में
कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताया गया है, जहाँ पति पत्नी को भूल कर भी
शारीरक संबंध नहीं बनाने चाहिए.
१. नदी.. गौरतलब है कि नदी या समुन्द्र के किनारे
शारीरिक संबंध बनाने से रिश्ते बिगड़ सकते है. इसलिए शास्त्रों के अनुसार
भूल कर भी नदी या समुन्द्र के किनारे संबंध नहीं बनाने चाहिए. इससे रिश्ते
में दरार आ सकती है.
२. आग.. इसके इलावा आग के सामने भूल कर भी संबंध नहीं
बनाना चाहिए, क्यूकि इससे अग्नि देवता का अपमान होता है. तो आग के सामने
गलती से भी संबंध बनाने की न सोचे.
३. साधु या सन्यासी.. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि
ऐसा स्थान जहाँ साधु या पुजारी हो वहां संबंध नहीं बनाना चाहिए. इससे न
केवल साधु का बल्कि भगवान् का भी अपमान माना जाता है.
४. मंदिर परिसर में.. अब शास्त्रों में तो ये साफ़ साफ़
बताया जाता है कि मंदिर में इस तरह का कार्य बिलकुल भी नहीं करना चाहिए.
ऐसे में कोई बेवकूफ ही होगा जो मंदिर में जाकर संबंध स्थापित करेगा. बता दे
कि जो इंसान मंदिर में जाकर संबंध बनाता है, उसे बुरे परिणाम भुगतने पड़ते
है.
५. कब्र के पास.. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ऐसे
स्थान पर कभी संबंध नहीं बनाने चाहिए, जहाँ कोई कब्र या श्मशान घाट हो.
इससे आपका दाम्पत्य जीवन तबाह हो सकता है और इसका परिणाम बहुत बुरा हो सकता
है.