वायुसेना के ग्रुप कैप्टन रैंक का अधिकारी हिरासत में, जासूसी का है आरोप

Senior IAF officer detained on espionage charges 

वायुसेना मुख्यालय में तैनात इस अधिकारी को उस वक्त हिरासत में लिया गया जब काउंटर-इंटेलीजेंस सर्विलांस के दौरान एयरफोर्स की सेंट्रल सिक्योरिटी और इंवेस्टीगेशन टीम ने पाया कि ये ग्रुप कैप्टन गैर-कानूनी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इस्तेमाल कर रहा है.

वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी को कथित जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया गया है. उनपर हनीट्रेप में फंसकर संवेदनशील जानकारी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लीक करने के आरोप लगे हैं. वायुसेना ने आधिकारिक तौर पर अभी तक मामले पर कोई जानकारी साझा नहीं की है.
सूत्रों के मुताबिक, वायुसेना मुख्यालय में तैनात इस अधिकारी को उस वक्त हिरासत में लिया गया जब काउंटर-इंटेलीजेंस सर्विलांस के दौरान एयरफोर्स की सेंट्रल सिक्योरिटी और इंवेस्टीगेशन टीम ने पाया कि ये ग्रुप कैप्टन गैर-कानूनी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इस्तेमाल कर रहा है.

सूत्रों के मुताबिक, ये हनीट्रेप का मामला है जिसमें आरोपी अेधिकारी एक महिला को सोशल नेटवर्किंग साईट्स पर संवेदनशील जानकारी दे रहा था. हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं है कि जिस महिला को वो ये जानकारियां दे रहा था वो वाकई कोई महिसा ही है या फिर विदेशी खुफिया एजेंसी को कोई एजेंट. गौरतलब है कि कुछ समय पहले ऐसे मामले सामने आए थे फेसबुक पर महिला बनकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट्स को भारत के सशस्त्रबलों के जवानों से सूचना इकठ्ठा कर रहे थे.

जानकारी के मुताबिक, आरोपी ग्रुप कैप्टन अभी वायुसेना की कस्टटी में है. लेकिन अगर उसके खिलाफ पुख्ता सबूत पाए जाते हैं तो उसे जल्द ही पुलिस के हवाले कर दिया जीयेगा.

आपको यहां ये बता दें कि वायुसेना ने अपने अधिकारियों को आधिकारित सूचना आदान प्रदान करने के लिए अपने ही मोबाइल हैंडसेट दे रख हैं. यहां तक की वे बातें भी एफनेट यानि एयरफोर्स के ही नेटवर्क पर बात कर सकते हैं. दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय में किसी प्राईवेट मोबाइल फोन और नोटवर्क इस्तेमाल करने की मनाही है.

वायुसेना सहित थलसेना और नौसेना के अधिकारियों को अपनी यूनिफार्म में तस्वीर और वीडियो सहित अपनी लोकेशन और पोस्टिंग से जुड़ी जानकारी फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर करना पूरी तरह से मना है. अगर कोई अधिकारीऐसा करता पाया जाता है तो उसपर ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट जैसा कड़ा कानून लगाया जा सकता है.