आज हम आपको एक ऐसी लड़की से रूबरू करवाने जा रहे है, जो बड़ी मुश्किल से
आईएसआईएस के चंगुल से बच कर आयी है. जी हां गौरतलब है कि वहां ये लड़की अब
तक सेक्स स्लेव की जिंदगी गुजार रही थी और अब बाहर आने के बाद ये खुद पर
हुए हर जुल्म के बारे में अपनी दास्ताँ बयान कर रही है. गौरतलब है कि इस
लड़की का नाम फरीदा अब्बास खलफ है. जो अभी महज बाइस साल की है. आपकी जानकारी
के लिए बता दे कि इस लड़की ने करीब चार महीने इन आंतकियो की कैद में गुजारे
और उनके टॉर्चर का खूब शिकार भी हुई. अब जाहिर सी बात है कि ये आंतकी लड़की
के साथ अच्छा व्यव्हार तो करते नहीं होंगे.
जी हां इसका मतलब ये हुआ कि टॉर्चर के नाम पर इस लड़की का रोज रेप किया
जाता था. आपको जान कर ताज्जुब होगा कि एक बार इस लड़की को इतना टॉर्चर किया
गया कि इसकी आँखों की रौशनी तक चली गई थी. ऐसे में उसने अपनी हालत से उदास
होकर खुदखुशी करने की भी कोशिश की. बता दे कि ईराक में रहने वाली फरीदा को
साल 2014 में उस समय किडनैप किया गया, जब आंतकियो ने उसका गांव तबाह कर
दिया था. यहाँ तक कि आंतकियो ने उसके भाई और पिता को भी मार दिया था. इसके
बाद फरीदा ने बताया कि आंतकियो ने उसे और उसकी माँ समेत एक सौ पचास लड़कियों
को किडनैप किया था और हम सब को किडनैप करके मोसुल ले गए.
जिसके बाद उन सब को सेक्स स्लेव बना कर सीरिया के शहर रक्का भेज दिया
गया था. बरहलाल फरीदा का कहना है कि उन लोगो ने हमारे साथ वो सब किया, जो
किसी जानवर के साथ भी नहीं करता. जी हां फरीदा का कहना है कि उन लोगो ने
हमें इतनी बुरी तरह से पीटा कि कुछ लड़कियों की सर की हड्डियां तीन जगह से
टूट गई थी. जिसके चलते कुछ समय के लिए उनकी आँखों की रौशनी तक चली गई थी.
इसके बाद फरीदा ने बताया कि करीब चार महीने से वो उनकी कैद में थी और इस
दौरान नाजाने कितनी बार वो रेप का शिकार हुई होगी. इसके साथ ही फरीदा ने
बताया कि कितनी बार उन्हें दूसरे जिहादी के पास भी बेचा गया.
आपको जान कर ताज्जुब होगा जब फरीदा ने ये कहा कि उनकी आँखों के सामने ही
उन आंतकियो ने एक आठ साल की बच्ची का रेप किया और उसे मजबूर होकर सब कुछ
देखना पड़ा, क्यूकि वो कुछ करने की हालत में नहीं थी. हालांकि इतना सब होने
के बाद भी फरीदा ने अपना मानसिक संतुलन नहीं खोने दिया और यहाँ तक कि उस आठ
साल की बच्ची ने भी फरीदा को काफी हिम्मत दी. बरहलाल इस ताकत के दम पर वो
चार महीने बाद आंतकियो की कैद से बाहर निकलने में कामयाब हो गई. ऐसे में जब
वो आंतकियो की कैद से दूर किसी जगह पर पहुंची तो वहां उन्होंने एक घर का
दरवाजा खटखटाया.
बता दे कि उस घर में रहने वाले लोग काफी शरीफ थे. जिन्होंने न केवल
फरीदा की मदद की, बल्कि उसे दो दिन तक अपने साथ रखा और फिर ईराक छोड़ दिया.
बता दे कि फ़िलहाल फरीदा जर्मनी में रह रही है और याजदा एनजीओ से जुडी हुई
है. जी हां दरअसल ये एनजीओ आंतकियो को कोर्ट तक पहुँचाने का काम कर रहा है.
गौरतलब है कि फरीदा को रिफ्यूजी नाजहन इलियास के रूप में एक हमसफ़र भी मिल
गया है और इन दोनों की हाल ही में सगाई हुई है. ऐसे में फरीदा का कहना है
कि अब वो बेहद खुश है और अपनी वेडिंग पार्टी की तैयारी कर रही है.