कास्टिंग काउच के खिलाफ राधिका आप्टे सहित कई अभिनेत्रियों ने की आवाज बुलंद


राधिका आप्टे और ऊषा जाधव जैसे फिल्मी सितारों ने एक नई डॉक्यूमेंट्री में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के बाबत अपनी चिंताएं जाहिर की हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि इस तरह के ज्यादातर मामलों में पीड़ित आगे आने से डरते हैं. इस हफ्ते प्रसारित होने वाली बीबीसी वर्ल्ड न्यूज की एक रिपोर्ट में राधिका और ऊषा उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने बॉलीवुड में चुप्पी के चलन के बारे में बात की है. उन्होंने कहा कि ऐसा शायद इसलिए होता है क्योंकि सितारों को एक तरह से पूजा जाता है.
राधिका ने ‘बॉलीवुड्स डार्क सीक्रेट’ में बीबीसी की रजनी वैद्यनाथन को बताया, ‘‘कुछ लोगों को भगवान माना जाता है. वे इतने ताकतवर हैं कि लोगों को लगता है कि उनकी आवाज के कोई मायने ही नहीं होंगे. या लोग सोचते हैं कि यदि वे बोलेंगे तो कहीं उनका करियर ही बर्बाद न कर दिया जाए.’’

हॉलीवुड में उत्पीड़न के खिलाफ शुरू किए गए ‘मी टू’ अभियान के बारे में पूछे जाने पर राधिका ने कहा, ‘‘जिस तरह से महिलाएं और पुरुष साथ आए और तय किया कि वे अब ऐसा नहीं होने देंगे, काश...वह यहां (बॉलीवुड में) भी होता.’’

वैद्यनाथन ने ऐसी अभिनेत्रियों से भी बात की जिनसे अवांछित मांगें की गईं या जिन्हें लगता है कि बॉलीवुड के ग्लैमर के पीछे एक स्याह राज छुपा है.

कई अवॉर्ड जीत चुकीं मराठी अदाकारा ऊषा ने खुलासा किया कि फिल्म इंडस्ट्री में ताकतवर पुरुषों की ओर से यौन संबंध बनाने की मांग करना बहुत आम बात है. एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनसे बोला गया कि उन्हें जो मौका दिया जा रहा है, इसके बदले उन्हें कुछ देना होगा.

ऊषा ने कहा, ‘‘मैंने पूछा कि कुछ का मतलब क्या? मेरे पास पैसे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि नहीं, नहीं.... पैसे की बात नहीं है. बात ये है कि तुम्हें साथ सोना पड़ेगा... हो सकता है कि वो एक निर्माता हो या निर्देशक हो. दोनों ही हो सकते हैं.’’

डॉक्यूमेंट्री में 25 साल की एक ऐसी युवती का भी इंटरव्यू है जो अदाकारा बनने की चाह में अपने छोटे से गांव को छोड़ आई. इस युवती का कहना है कि कई बार उससे छेड़खानी की गई. वह पहली बार जब एक कास्टिंग एजेंट से मिली थीं, उस वक्त भी उससे छेड़खानी हुई. यह डॉक्यूमेंट्री शनिवार और रविवार को पूरी दुनिया में प्रसारित की जाएगी.