सेना ने 24 घंटे में लिया शहादत का बदला, एलओसी में घुसकर भारत ने पाकिस्तान के 2 सैनिकों को मार गिराया

एलओसी पर पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना ने एक कैलिब्रेटेड ऑपरेशन में पाकिस्तानी सेना के दो सैनिकों को मार गिराया. ये कारवाई पाकिस्तानी सेना की करतूतों का जवाब देने और भारत के एक सैनिक की शहादत का बदला लेने के लिए किया गया.
जानकारी के मुताबिक, रविवार और सोमवार को पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के तंगधार सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश की थी. घुसपैठियों की मदद के लिए पाकिस्तानी सेना ने कवर फायर भी दिया था. इस फायरिंग में भारत का एक सैनिक शहीद हो गया था. इसी का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने जवाबी कारवाई में पाकिस्तान के दो सैनिक ढेर कर दिए.

सूत्रों के मुताबिक, शहीद हुए सैनिक पुष्पेन्द्र कुमार ने एलओसी पर अपनी चौकी पर तैनाती के दौरान आतंकियों की घुसपैठ को नाकाम किया था. इसी से बनाए पाकिस्तानी सेना ने सिपाही पुष्पेन्द्र कुमार को टारगेट कर स्नाईपर फायरिंग से निशाना बनाया. गोली सीधे पुष्पेन्द्र कुमार के सिर में लगी जिससे वे वीरगति को प्राप्त हो गए. पाकिस्तानी सेना की इस नापाक हरकत का बदला लेना के लिए भारतीय सेना की तंगधार स्थित यूनिट ने बीती रात एक 'कैलिब्रेटेड ऑपरेशन' किया और पाकिस्तान के दो सैनिक मार गिराए.

मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे श्रीनगर स्थित भारतीय सेना के प्रवक्ता, कर्नल राजेश कालिया ने एक बयान जारी करते हुए बताया, "तंगधार सेक्टर में भारतीय सेना ने अपने सैनिक की शहादत का प्रतिशोध और पाकिस्तानी सेना की तरफ से हो रहे युद्धविराम उल्लंघन और बार बार घुसपैठ में मदद करने के लिए भारतीय सैनिकों ने बीती रात एक कैलिब्रेटेड आपरेशन किया. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के दो सैनिक मारे गए."

इस कारवाई की जानकारी भारतीय सेना की तरफ से तभी दी गई जब श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के मुख्लायय में शहीद पुष्पेन्द्र कुमार के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी जा रही थी. श्रद्धांजलि देने वालों में कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट भी शामिल थे. जो इससे पहले दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय में डीजीएमओ के पद पर थे. आखिर ये किस तरह का कैलिब्रेटेड ऑपरेशन था इस बारे में भारतीय सेना ने कोई जानकारी नहीं दी है और ना ही ये बताया गया है कि क्या एलओसी को पार कर ये कारवाई की गई है.

वहीं सेना के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, ये एक 'टेक्टिकल ऑपरेशन' था जिसे एलओसी पर ही तैनात यूनिट ने अंजाम दिया. जहां तक तंगधार में एलओसी पार करने का सवाल है वहां पर इस तरह की टेराइन है कि फेंसिंग मुमकिन नहीं है इसलिए वहां एलओसी को लेकर अपनी-अपनी धारणा है इसलिए ये नहीं बताया जा सकता कि सीमापार की या नहीं (जैसाकि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान किया गया था). लेकिन सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी सेना को 'उसी की भाषा में जवाब दिया गया है.'

आपको बता दें कि पाकिस्तान में आम चुनाव खत्म होने के बाद एलओसी पर घुसपैठियों और पाकिस्तानी सेना की हरकतें तेज हो गई हैं. जहां आतंकी कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने की फिराक में हैं वहीं पाकिस्तानी सेना उन्हें शह दे रही है और एलओसी पार करने के लिए फायरिंग करती है ताकि भारतीय सेना का ध्यान भटकाकर आतंकी भारतीय सीमा में घुस जाएं.

हाल में ही 7 अगस्त को ही गुरेज सेक्टर में घुसपैठियों के खिलाफ कारवाई करते हुए एक मेजर सहित चार सैनिक शहीद हो गए थे. इस ऑपरेशन में दो आतंकवादी मारे गए थे और छह आतंकवादी वापस पाकिस्तानी सीमा में भाग खड़े हुए थे. इसके अगले ही दिन बारामूला के हमाम जंगल में चार आतंकियों को ढेर किया गया था. इससे पहले 26 मई को ही तंगधार में घुसपैठ करने की फिराक कर रहे चार आतंकियों को ढेर किया गया था.