पाकिस्तान के अनुरोध को स्वीकार करने के एक दिन बाद भारत ने पाक विदेश
मंत्री से मुलाकात को रद्द कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश
कुमार ने बताया कि हालिया आतंकी घटनाओं को देखते हुए विदेश मंत्री स्तर पर
होने वाली वार्ता रद्द कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के
प्रधानमंत्री इमरान खान का असली चेहरा सामने आ गया है। ऐसे में, उनसे
बातचीत का कोई मतलब नहीं बनता है।
प्रवक्ता ने कहा कि गुरुवार को की गयी घोषणा के बाद दो बहुत ही
दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आयी हैं। एक तो हमारे सुरक्षाकर्मियों की
बर्बर हत्या की गयी और दूसरे पाकिस्तान ने आतंकवादियों को गौरवान्वित करने
के लिए उन पर 30 डाक टिकट जारी किए हैं। इससे उसके नापाक इरादे सामने आ
गए हैं और इमरान खान का असली चेहरा भी सामने आ गया है। उनकी कथनी और करनी
में भारी अंतर है। कुमार ने कहा कि अब न्यूयॉर्क में दोनों देशों के विदेश
मंत्रियों के बीच कोई मुलाकात नहीं होगी। वहीं, इसी के साथ करतारपुर
कॉरिडोर मामला भी लटक गया।
रवीश कुमार ने गुरुवार को सूचित किया था कि पाकिस्तान सरकार के अनुरोध पर
भारत मीटिंग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा था कि सीमापार आंतकवाद पर भारत
के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल
सकते। बता दें कि पिछले दिनों बीएसएफ के जवान नरेंद्र सिंह के साथ कायराना
हरकत कर हत्या के बाद शव को क्षत-विक्षत करने और सीमापार के
आतंकियों द्वारा जम्मू-कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों के अपहरण और हत्या को
सरकार ने बातचीत के माहौल के खिलाफ माना है। इसलिए न्यूयॉर्क में होने वाली
भारत-पाक की बैठक को रदृ करने का फैसला लिया गया।
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को
चिट्ठी लिखकर दोनों देशों के बीच फिर से बातचीत शुरू करने का प्रस्ताव रखा
था। उन्होंने लिखा था कि आतंकवाद पर बात करने के लिए पाकिस्तान अभी भी
तैयार है। व्यापार, जनता से जनता का संपर्क, धार्मिक यात्राएं और कुछ ऐसे
मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। भारत और
पाकिस्तान, दोनों शांति की इच्छा रखते हैं और इसके लिए मैं विदेश मंत्रियों
की वार्ता का प्रस्ताव रखता हूं।