सरकार द्वारा राज्य में
अवैध ट्रैवल एजैंटों तथा एजैंसियों के विरुद्ध शुरू किए गए अभियान के बीच
में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने रोजगार सृजन विभाग के साथ उच्च
स्तरीय बैठक करने के बाद निर्देश दिए हैं कि अवैध एजैंटों पर शिकंसा पूरी
तरह से कसने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख सलाहकार या एजैंसी की
मदद ली जाए ताकि विदेश भेजने की आड़ में कुछ तथाकथित एजैंटों द्वारा
नौजवानों को गुमराह न किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने आज पंजाब घर-घर रोजगार व
कारोबार मिशन की गर्वनिंग कौंसिल के साथ पहली बैठक की जिसमें रोजगार से
संबंधित विभिन्न स्कीमों में आपसी तालमेल करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने विदेशों में रोजगार के अवसरों का पता लगाने के लिए विभिन्न
एजैंसियों की मदद लेने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सलाहकार या एजैंसी की नियुक्ति की जानी चाहिए जो
नौजवानों को विदेशों में स्थित विश्व स्तर के कालेजों व यूनिवर्सिटियों के
बारे में जानकारी प्रदान करे।
सलाहकार पंजाबी नौजवानों को विदेश में स्टडी
वीजा पर विदेश भेजने में मदद करेगा। उन्होंने रोजगार सृजन विभाग से कहा कि
वह 24&7 जॉब हैल्पलाइन चलाए। आइलैट कोचिंग के लिए भी एक आधार तैयार
किया जाना चाहिए। उन्होंने रोजगार सृजन विभाग से कहा कि बेरोजगार नौजवानों
को स्किल ट्रेनिंग की मार्फत आगे लाने की कोशिश करनी चाहिए। बैठक में
तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत चन्नी ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस
कार्यक्रम के तहत 1 अप्रैल 2017 से लेकर 31 अक्तूबर 2018 तक 4,01300
नौजवानों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि
प्रत्येक माह की 10 तारीख को समीक्षा बैठकें की जाएंगी। बैठक में वित्त
मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार,
उद्योग विभाग की ए.सी.एस. विन्नी महाजन, वित्त सचिव अनिरुद्ध तिवारी तथा
मुख्यमंत्री के स्पैशल प्रिंसीपल सैक्रेटरी गुरकीरत कृपाल सिंह भी मौजूद
थे।