जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने के
बाद तमाम तरह के कयास लगने शुरू हो चुके हैं,कोई कह रहा है कि घाटी में कुछ
बड़ा होने वाला है, तो कहीं कहा जा रहा है कि मोदी सरकार 35 ए पर ऐतिहासिक
फैसला ले सकती है। लिहाजा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों खासकर महबूबा की
हार्ट बीट तेज हो गई है। इसका विरोध करते हुए महबूबा ने विरोध दर्ज कराया
है।
पत्रकारों से बात करने के साथ ही महबूबा ने ट्वीट कर कहा है कि ‘घाटी
में 10 हजार सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय
पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है।
जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो सैन्य साधनों से हल नहीं होगी।
केंद्र सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करने की आवश्यकता है।’
आपको बता दें कि एनएसए अजीत डोभाल के घाटी के सीक्रेट मिशन पर आने के
तत्काल बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की
तैनाती की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती को
मंजूरी दी है। कुछ कंपनियां कश्मीर पहुंच गईं हैं। अन्य कंपनियां जल्द से
जल्द घाटी पहुंचेंगी।
ये भी बता दें कि इन 100 कंपनियों में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ-10,
एसएसबी-30 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां है। हर एक कंपनी में 90 से 100 कर्मी
मौजूद रहते हैं। सीआरपीएफ की आने वाली 50 कंपनियों में से नौ कंपनियां
दिल्ली में संसदीय चुनाव और कांवड़िया ड्यूटी के लिए लगी हुई हैं। इनकी जगह
बीएसएफ की 9 कंपनियां लगाई गई हैं। इस तरह से सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त
कंपनियों को कश्मीर भेजने के पीछे कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
35ए को हटाने की चर्चा
सूत्रों का कहना है कि, अमरनाथ यात्रा की समाप्ति के बाद केंद्र सरकार
अनुच्छेद 35ए पर फैसला ले सकती है। तब तक संसद का सत्र भी समाप्त हो जाएगा।
बताया जा रहा है कि अनुच्छेद 35ए को राष्ट्रपति के आदेश के तहत रियासत में
लागू किया गया था। इसलिए इसे राष्ट्रपति के आदेश से समाप्त किया जा सकता
है।
डीजीपी बोले- रूटीन प्रक्रिया
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती एक रूटीन
प्रक्रिया है। कश्मीर में ट्रेनिंग करने वाली कंपनियों को राहत देने के लिए
ऐसा किया गया है। पंचायत चुनाव के बाद से ही यह चल रहा है।
डोभाल के पहुंचने से चर्चा हो गई थी शुरू
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल सीक्रेट मिशन के तहत घाटी के
दौरे पर बुधवार को श्रीनगर पहुंचे थे। श्रीनगर पहुंचने पर उन्होंने
सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों के आला अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें कर
घाटी के मौजूदा हालात तथा सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी हासिल की थी। दौरे
को टॉप सीक्रेट रखा गया था और श्रीनगर पहुंचने से कुछ देर पहले ही संबंधित
अधिकारियों को जानकारी देकर बैठक के बारे में बताया गया।
एनएसए ने राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार, मुख्य सचिव बीवीआर
सुब्रह्मण्यम, डीजीपी दिलबाग सिंह, आईजी एसपी पाणि से मुलाकात की थी। उनके
साथ दिल्ली से आईबी के एक आला अधिकारी भी आए थे।