जन्माष्टमी को लेकर कृष्ण भक्त काफी
उत्साहित हैं। हर कोई अपने तरीके से भगवान कृष्ण को खुश करना चाहता है। ऐसे
में जरुरी है वास्तु के अनुसार कुछ बातों में जरुर ध्यान में रखा जाए।
शास्त्रों के मुताबिक हमें जन्माष्टमी के दौरान कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें
बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ऐसे काम जिनकी वजह से हमें कान्हा की नाराजगी
झेलनी पड़े। तो आइए चलिए जानते हैं वास्तु के अनुसार कृष्ण पूजा के दौरान
ध्यान में रखी जाने वाली कुछ खास बातें...
तुलसी के पत्ते
भगवान कृष्ण जी को विषणु जी का आंठवा अवतार
कहा जाता है। पुराणों के मुताबिक मां तुलसी भगवान विषणु से विवाह करना
चाहती थी। ऐसे में इस दिन तुलसी के पौधे को हाथ लगाना या फिर पत्ता तोड़ना
अशुभ माना जाता है। भगवान का प्रसाद तुलसी के पत्ते के बगैर अधूरा भी है।
ऐसे में एक दिन पहले तुलसी का पत्ता तोड़कर रख लेने में ही भलाई है।
आधी रात को ही करें पूजा
श्री कृष्ण जी की पूजा हमेशा आधी रात यानि 12 बजते ही करनी चाहिए।
कान्हा को पहनाएं मुलायम वस्त्र
कई बार मंदिरों में लोग कान्हा को भारी-भरकम
वस्त्र पहनाना पसंद करते हैं। कान्हा को उसी तरह तैयार करें जिस तरह आप घर
में जन्मे नवजात शिशु को करते हैं। जितने हो सके कान्हो को मुलायम वस्त्र
पहनाएं। ऐसा महसूस करें जैसे सच में आपके घर कान्हा ने जन्म लिया है।
गरीबों को दान करें
कृष्ण जी के लिए उनके सभी भक्त एक सामान है।
किसी भी गरीब का अपमान करना श्री कृष्ण को अप्रसन्न कर सकता है। जितना हो
सके आज के दिन गरीबों को दान करें और कान्हा की खुशियों के भागीदार बनें।
पौधे लगाएं
जन्माष्टमी वाले दिन परिवार के साथ मिलकर एक
पौधा जरुर लगाएं। इस दिन पौधा या पेड़ उखाड़ने की गलती कभी न करें। ऐसा
करने से आपको कान्हा की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
मांसाहारी भोजन से दूरी
जन्माष्टमी वाले दिन मांस-मछली खाने से
परहेज करें। जन्माष्टमी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। जन्माष्टमी पर
शराब का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
गाय की पूजा
इस दिन गायों का अपमान नहीं करना चाहिए
क्योंकि गाय भगवान श्री कृष्ण को बहुत प्रिय थी। ऐसी मान्यता है कि जो भी
गाय की पूजा करता है उसे श्री कृष्ण का आशीर्वाद ज़रूर प्राप्त होता है।
वाद विवाद से रहें दूर
जन्माष्टमी के दिन अपने से नाराज लोगों को
मनाने खुद चलकर जाएं। जितना हो सके वाद-विवाद से दूर रहें। अगर कोई आपसे
झगड़े भी तो उस स्थिति का सामना सोच-समझकर करें।