सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों के अधिकार को लेकर जारी मेधा पाटकर
का अनशन सोमवार को खत्म हो गया है। नबआं प्रमुख मेधा पाटकर का यह अनशन नौ
दिन तक चला। पूर्व मुख्य सचिव शरदचंद्र बेहार ने मेधा पाटकर को नींबू पानी
पिलाकर रात 10.30 बजे अनशन तुड़वाया।
बता दें कि शरदचंद्र बेहार भोपाल से बड़वानी तक सीएम कमलनाथ के संदेशवाहक
बनकर पहुंचे थे। बेहार ने भरोसा दिलाया कि सरदार सरोवर बांध को 139 मीटर
तक न भरने व डूब प्रभावितों के पुनर्वास सहित सभी मुद्दों पर 9 सितंबर को
भोपाल में सीएम चर्चा के लिए तैयार हैं।
मेधा ने राज्य सरकार की तरफ से मिले इस आश्वासन के बाद अपना अनशन तोड़
दिया। अनशन टूटने के बाद बेहार ने मेधा पाटकर के अलावा डूब प्रभावितों से
भी चर्चा की। वे अपने साथ सीएम का पत्र लेकर भी आए थे। पत्र में 8 बिंदुओं
के तहत सभी का पुनर्वास करने व बांध के गेट को खोलने का भरोसा दिलाया गया
था। साथ ही बांध के गुजरात में होने और गेट खोलने के लिए गुजरात सरकार की
अनुमति की विवशता भी बताई गई।
पत्र में यह भी बताया कि पूर्व में अपात्र घोषित किए परिवारों के
प्रकरणों का फिर से सर्वे करवाकर उन्हें पुनर्वास संबंधित लाभ देने के
कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। वर्तमान सरकार ने 115 नए परिवारों को 60 लाख
रुपए का पात्र मानकर गुजरात सरकार से राशि मांगी है। लेकिन अभी तक राशि
नहीं मिली है। वर्षाकाल में डूब से बचाव व राहत की भी व्यवस्था की है। सीएम
ने लिखा है कि बांध में जल भराव का कार्यक्रम नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण
तैयार करता है। लेकिन प्राधिकरण वर्तमान में निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर
रहा है।
वहीं अनशन तोड़ने के बाद मेधा पाटकर की डॉक्टर्स की टीम ने मेडिकल जांच
की। डॉक्टर्स ने बताया 10 दिनों तक उपवास के कारण कमजोरी है लेकिन चिंता
जैसी बात नही।