कोरोना के सिलसिले में यूपी सरकारी बड़ा कदम उठाने जा रही है। उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण से मरने वालों का डेथ ऑडिट होगा। इस डेथ ऑडिट के लिए अलग से टीम बनाई जाएगी। इस टीम को मृतकों के इलाज से जुड़ी केस फाइल दी जाएगी। इस केस फाइल को देखकर ये टीम मौत का कारण तय करेगी। अभी तक के तथ्यों के अनुसार अधिकतर मृतक पहले से ही किसी न किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त थे।
यूपी सरकार कोरोना से होने वाली मौतों की तह में पहुंचना चाह रही है। अभी तक जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक कोरोना से मरने वालों में बुजुर्गों की संख्या काफी है जिन्हें पहले से बीमारियां थी। ऐसे में सच्चाई का पता लगाना जरूरी हो जाता है। इससे कोरोना के संकट की असली तस्वीर भी सामने आएगी।
इसके साथ ही सरकार ने यूपी के हर जिले से सैंपल मंगाना शुरू कर दिया है। हर जिले में 20 सैंपल रोज मंगाए जा रहे हैं। हॉटस्पॉट में यह संख्या 150 से 200 सैंपल की है। यूपी में अभी तक करीब 25 सौ सैंपल की जांच की जा चुकी है।
यह भी एक तथ्य है कि भारत में कोरोना संक्रमित लोगों और कोरोना से मरने वालों की संख्या में बहुत अंतर है। भारत में दूसरे मुल्कों की तुलना में कोरोना मृत्यु की दर बेहद कम है। ऐसे में यूपी सरकार की यह पहल कोरोना से हो रही मौतों के सच से पर्दा उठा सकती है।