जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट का सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किया विरोध, कहा- फेक न्यूज से लोगों को भड़काते हैं आतंकवादी

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र शासित प्रदेश में 4जी इंटरनेट सेवा बहाली का यह कहते हुए विरोध किया है कि आतंकवादी और सीमा पार से उनके हैंडलर्स लोगों को फेक न्यूज के जरिए भड़काते हैं।  
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कोर्ट से कहा कि आतंकी गतिविधियों और भड़काऊ सामग्रियों के जरिए लोगों को भड़काने के कई मामले थे। खासतौर पर फेक वीडियो और फोटोज जो सुरक्षा और कानून व्यवस्था के को नुकसान पहुंचाने वाले हैं।
using mobile
नवगठित केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके कहा, ''प्रदेश में मौजूद आतंकी मॉड्यूल और सीमा पार से उनके हैंडलर्स फेक न्यूज और टारगेटेड मेसेज के जरिए लोगों को भड़काते हैं और आतंक को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट का गलत इस्तेमाल करते हैं।''
फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रफेशनल्स ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए प्रदेश में 4जी इंटरनेट सेवा बहाली की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसी के जवाब में प्रशासन ने यह दलील दी है। 
हलफनामे में कहा गया है, ''पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के हैंडलर्स जैसे रेजिटेन्स फ्रंट (टीआरएफ) और तहरीक-मिलत-ई-इस्लामी युवाओं से आतंकवाद में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। वे आतंकवादियों से बात करने के लिए मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, 2जी मोबाइल डेटा से यह रुकता है।''