मध्य प्रदेश के धार जिले के एक गांव का 38 वर्षीय गरीब एवं अनपढ़ व्यक्ति अपने बेटे को 10वीं बोर्ड की पूरक परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र में साइकिल में बैठाकर ले गया। इसकी खबर आते ही यूपी के चर्चित आईपीएस नवनीत सिकेरा को अपनी कहानी याद आ गई। जब उनके पिता भी साइकिल पर बैठाकर आईआईटी का एक्जाम दिलाने गए थे।
नवनीत सिकेरा ने लिखा है :
ये खबर देखी तो आंखे डबडबा गई अब से कुछ दशक पहले मेरे पिता भी मुझे मांगी हुई साईकल पर बिठा कर IIT का एंट्रेंस एग्जाम दिलाने ले गए थे। वहां पर बहुत से स्टूडेंट्स कारों से भी आये थे, उनके साथ उनके अभिभावक पूरे मनोयोग से उनकी लास्ट मिनट की तैयारी भी करा रहे थे, मैं ललचाई आंखों से उनकी नई नई किताबों (जो मैंने कभी देखी भी नहीं थी) की ओर देख रहा था और मैं सोचने लगा कि इन लड़कों के सामने मैं कहाँ टिक पाऊंगा, और एक निराशा सी मेरे मन में आने लगी । मेरे पिता ने इस बात को नोटिस कर लिया और मुझे वहां से थोड़ा दूर अलग ले गए और एक शानदार पेप टॉक (उत्साह बढ़ाने वाली बातें) दी । उन्होंने कहा कि इमारत की मजबूती उसकी नींव पर निर्भर करती है नाकि उस पर लटके झाड़ फानूस पर , जोश से भर दिया उन्होंने फिर एग्जाम दिया । परिणाम भी आया , आगरा के उस सेन्टर से मात्र 2 ही लड़के पास हुए थे जिनमें एक नाम मेरा भी था। ईश्वर से प्रार्थना है कि इन पिता पुत्र को भी इनकी मेहनत का मीठा फल दें। आज मेरे पिता नहीं है हमारे साथ पर उनकी कड़ी मेहनत का फल उनकी सिखलाई हर सीख हर पल मेरे साथ है , और हर पल यही लगता है कि एक बार और मिल जाएं तो जी भर के गले लगा लूं।