प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक (पीएमसी) घोटाले से जुड़े मनी लॉड्रिंग जांच के दौरान दिल्ली में 100 करोड़ रुपए मूल्य के तीन होटलों को अटैच किया है। इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने अब तक 360 करोड़ रुपए मूल्य की गैर-गिरवी संपत्तियों को अटैच किया है, जोकि एचडीआईएल के प्रमोटर्स राकेश और सारंग वाधवान से जुड़े हैं।
पीएमसी बैंक घोटाला पिछले साल सामने आया था। यह मनी लॉन्ड्रिंग जांच को लेकर यूनीक केस है, क्योंकि पहली बार ईडी ने ऐसी संपत्तियों को हाथ नहीं लगाया है जो बैंक के पास गिरवी रखे गए हैं। यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के परामर्श से किया गया है, जिसने पिछले साल सितंबर में बैंक का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। एक अधिकारी ने कहा कि एचडीआईएल की गिरवी संपत्तियों से पैसा वसूलने के लिए ईडी ने नवंबर 2019 में अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दिया था।
शुक्रवार को जिन संपत्तियों को अटैच किया है उनमें होटल कॉनक्लेव बूटीक A-20 कैलाश कॉलोनी, होटल कॉनक्लेव कमफर्ट D-150, ईस्ट ऑफ कैलाश, और होटल कॉनक्लेव एग्जीक्युटिव C-22, कालकाजी हैं। इन पर कथित तौर पर लिब्रा रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, एम/एस दीवान रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड और राकेश कुमार वाधवान, रोमी, मेहरा, और एम/एस लिब्रा होटल्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके डायरेक्टर; एडीआईएल से जुड़े कंपनियों का स्वामित्व है। दूसरे अधिकारी ने बताया कि ये तीन होटल अब फैब होटल्स के रूप में जाने जाते हैं।
एंटी मनी लॉन्ड्रिंग जांच एजेंसी ने शुक्रवार को एक बयान में यह भी कहा, ''जांच मं पता चला कि एम/एस लिब्रा रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, एम/एस दीवान रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने धोखाधड़ी के जरिए पीएमसी बैंक से लोन के रूप में 247 करोड़ रुपए लिए। यह एचडीआईएल ग्रुप ऑफ कंपनीज की ओर से पीएमसी बैंक से लिए गए 6117 करोड़ रुपए लोन का हिस्सा है।
ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत पिछले साल अक्टूबर में हाउसिंग डिवेलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL), इसके प्रमोटर्स राकेश कुमार वाधवान, सारंग वाधवान, बैंक के चेयरमैन वारयाम सिंह, तबके मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस और अन्य के खिलाफ जांच शुरू की थी। ईडी ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से दर्ज शिकायत के बाद जांच शुरू की थी।