भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने हाथरस मामले में लगे आरोपों पर सफाई दी। साथ ही योगी सरकार को जांच कराने की चुनौती दी। चंद्रशेखर ने एक ट्वीट के माध्यम से इस चुनौती को पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह अपने समुदाय के लिए समर्पित थे।
दरअसल भीम आर्मी और पीएफआई के बीच कनेक्शन जोड़े जा रह थे। जातीय हिंसा को भड़काने के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि मिलने की बात चल रही थी। इन आरोपों पर चंद्रशेखर भड़क गए। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने भीम आर्मी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बीच कोई संबंध नहीं होने के बारे में स्पष्ट किया है।
इसके बावजूद चंद्रशेखर ने ट्वीट कर लिखा कि “मैं योगी आदित्यनाथ जी को चुनौती देता हूं कि वे किसी भी तरह की जांच करें। 100 करोड़ रुपये भूल जाइए, भले ही मेरे कब्जे में एक लाख रुपये हों, मैं राजनीति छोड़ दूंगा, नहीं तो आपको (योगी) अपना पद छोड़ देना चाहिए। मेरा जीवन मेरी गरिमा को समर्पित है। मेरा खर्च मेरे समुदाय द्वारा वहन किया जाता है, ”
दरअसल हाथरस मामले पुलिस ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद समेत 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ हाईवे जाम करने की रिपोर्ट दर्ज की है। रविवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को बूलगढ़ी जाते समय हनुमान पुलिस चौकी पर रोका गया, लेकिन वह पैदल ही हाथरस की ओर चल पड़े। इस बीच सासनी कोतवाली पहुंचकर भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने चौराहे पर जाम लगा दिया। इससे हाईवे पर जाम लग गया। करीब तीन घंटे तक लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस बीच पुलिस ने खुलासा किया हाथरस में जातीय दंगा भड़काने की साजिश थी। माथुरा टोल प्लाजा से पीएफआई के एजेंट गिरफ्तार किए गए। इसके बाद विदेशी फंडिंग की बात समाने आई। इस बीच भीम आर्मी पर आरोप लगे। इस पर ईडी ने आरोपों को निराधार बताया।