रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अगले हफ्ते 800 किलोमीटर रेंज का निर्भय सब-सोनिक क्रूज मिसाइल परीक्षण करने जा रहा है। थल और नौसेना में औपचारिक रूप से इसके शामिल होने से पहले अंतिम बार इसका परीक्षण किया जाएगा। पूरे मामले से वाकिफ सूत्र ने यह जानकारी दी।
डीआरडीओ की तरफ से पिछले 35 दिनों के अंदर यह 10वां मिसाइल परीक्षण होगा। चीन के पीछने हटने से इनकार के बाद डीआरडीओ मेड इन इंडिया के तहत तेजी के साथ सामरिक परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों को विकसित करने पर जुटा हैं। करीब एक महीने के अंदर हर चार दिनों पर एक मिसाइल का परीक्षण किया गया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने इस साल सबसे पहले भारतीय सेना के साथ लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील के पास झड़प की थी। जिसके बाद यह हिंसा पूर्वी लद्दाख में चार जगहों पर फैल गई थी।
यह झड़प जून के महीने में हिंसक रूप में तब्दील हो गई और दोनों देशों के सैनिक उसमें हताहत हुए। पिछले चार दशक में ऐसा पहली बार हुआ जब दोनों देशों ने सीमा पर अपने जवानों को खोया। उसके दो महीने बाद, 700 स्क्वायर में फैले पिक्चर्सक्यू साल्ट वाटर लेक के उत्तर किनारे पर ऊंचाई वाले इलाकों को भारतीय जवानों की तरफ से किए जा रहे कब्जे के दौरान गोलियां भी चलाई गई।
दोनों देशों ने कूटनीतिक, सैन्य अधिकारी और मंत्रियों के स्तरों पर कई दौर की बातचीत की और एक और वार्ता सोमवार को प्रस्तावित है। लेकिन, चीन भारी तनाव के बीच अपने पहले के स्थानों पर न जाने को लेकर अड़ा हुआ है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारतीय सीमा पर इस उत्तेजना के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बुरे बर्ताव को जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिका का अनुमान है कि चीन ने पूरे लद्दाख में करीब 60 हजार सैनिकों की तैनाती की है।
प्रोजेक्ट्स से जुड़े एक मिसाइल एक्सपर्ट ने बताया कि डीआरडीओ को चुपके से कहा गया है कि वे चीन से तनातनी के बीच फास्ट ट्रैक के तहत मिसाइल प्रोग्राम को पूरा करें क्योंकि भारत सरकार को सीमा पर शांति के लिए चीन के तरफ से किए गए प्रतिबद्धता पर शंका है।
सबसे पहले, 7 सितंबर को हाइपरसोनिक टेक्नॉलोजी डेमोनस्ट्रेटर वैकिल (एसएसटीडीवी) का परीक्षण किया गया था। उसके बाद अगले चार हफ्तों के दौरान डीआरडीओ ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का परीक्षण किया जो 400 किलोमीटर तक लक्ष्य को निशाना बना सकता है। इसके बाद परमाणु संपन्न शौर्य सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया, जो आवाज से दोगुनी से तिगुनी रफ्तार से चलने में सक्षम है।