नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन को देखते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हाई लेवल मीटिंग हुई है। इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हुए थे। हालांकि, बैठक के संबंध के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर पिछले चार दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों के उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केंद्र के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।
उन्होंने रविवार को कहा कि वे अपना प्रदर्शन नहीं रोकेंगे और कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे। करीब 30 किसान संगठनों की रविवार को हुई बैठक के बाद उनके प्रतिनिधियों ने कहा कि वे बुराड़ी के मैदान में नहीं जाएंगे क्योंकि वह खुली जेल है। उन्होंने कहा कि वे बातचीत के लिए किसी शर्त को स्वीकार नहीं करेंगे और दिल्ली में प्रवेश के सभी पांच रास्तों को बाधित करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुरजीत एस फूल ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रखी गई शर्त हमें स्वीकार नहीं है। हम कोई सशर्त बातचीत नहीं करेंगे। घेराव खत्म नहीं होगा। हम दिल्ली को जोड़ने वाले सभी पांच रास्तों का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा, बातचीत के लिए शर्त किसानों का अपमान है। हम कभी बुराड़ी नहीं जाएंगे। वह उद्यान नहीं है बल्कि खुली जेल है।
केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने आ रहे हजारों किसान एक और सर्द रात सड़कों पर बिताने के साथ राष्ट्रीय राजधानी के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर रविवार को लगातार चौथे दिन जमे रहे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चाधोनी ने कहा, ''हम उनके (सरकार) प्रस्ताव की शर्त को स्वीकार नहीं करेंगे। हम बातचीत करने को तैयार है लेकिन अभी कोई शर्त नहीं स्वीकार करेंगे। क्रांतिकारी किसान यूनियन की पंजाब इकाई के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, ''सरकार ने शर्तों के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बातचीत के लिए माहौल तैयार किया जाना चाहिए। अगर कोई शर्त रखी जाती है तो हम बात नहीं करेंगे।