वीडियो वायरल होने के बाद राजस्थान में फिर राजनीतिक हलचल तेज, गहलोत ने डोटासरा संग मीटिंग बुलाई, बीजेपी ने मांगा इस्तीफा

सत्ताधारी पार्टी के एक विधायक का वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से घेरे जा रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सोमवार को चर्चा के लिए बुलाया है। दूसरी बीजेपी ने गहलोत से इस्तीफा मांगा है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वायरल वीडियो ट्वीट करते हुए गहलोत पर जमकर निशाना साधा है। 


सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें बागीडोरा से कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय पंचायत चुनाव के दौरान लोगों के सामने कहते दिख रहे हैं कि दुंगारपुर से बीटीपी के दो विधायकों को राज्यसभा चुनाव के दौरान 5-5 करोड़ रुपए दिए गए। इसके अलावा अशोक गहलोत सरकार से सचिन पायलट की बगावत से उत्पन्ना राजनीतिक संकट के दौरान भी 5 करोड़ रुपए दिए गए।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि डोटासरा इस समय सिकर के दौरे पर हैं, उन्हें सीएम ने चर्चा के लिए बुलाया है। संगठन के दूसरे मुद्दों के अलावा मुख्यमंत्री वीडियो वाले मुद्दे पर भी उनसे बात करेंगे। उन्होंने कहा कि स्टेट इनचार्ज और एआईसीसी जनरल सेक्रेटरी अजय माकन पहले ही गहलोत से इस मुद्दे पर बात कर चुके हैं। 
 
गहलोत पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक के बाद एक ट्वीट्स से मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा। वायरल हो रहे वीडियो को रीट्वीट करते हुए शेखावत ने लिखा, ''गहलोत सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों और जनादेश के साथ खेल रही है और यह छिपा नहीं है। अब पार्टी के वरिष्ठ विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय के जनता के सामने स्वीकार कर लेने के बाद सीएम अशोक गहलोत के पास पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।''

उन्होंने कहा, ''राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में विधायकों की खरीद से प्राप्त किया गया विश्वासमत असल में जनता के साथ धोखा था। इसी तरह राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत भी संदेहजनक है।'' एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने कहा कि गहलोत ने खरीद-फरोख्त का चक्रव्यूह बनाया, जनता को गुमराह किया और अपने छल को छिपाने के लिए बीजेपी पर वार किया। लेकिन अब इस साजिश के पीछे की चीजें खुद सामने आ रही हैं और जनता सब देख रही है। 

कांग्रेस की प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने कहा कि जो व्यक्ति राज्य सरकार को अस्थिर करने में शामिल रहा हो उसे किसी का इस्तीफा मांगने का नैतिक अधिकार नहीं है। सरकार को गिराने की उनकी साजिश नाकाम हो चुकी है और अब वे आधारहीन आरोप लगा रहे हैं।