सड़कों पर विद्रोह बढ़ते देख इमरान खान ने कोरोना को बनाया ढाल, पाकिस्तान में रैलियों-प्रदर्शनों पर बैन

अपने खिलाफ बढ़ते आक्रोश और विपक्ष के साथ सड़कों पर जनता को उतरते देख पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना को ढाल बना लिया है। गिलगित बाल्टिस्तान के चुनावों में गड़बड़ी की वजह से हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को रैलियों और लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगा दी। कोरोना वायरस पर नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमिटी (NCC) की बैठक के बाद देश को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि 300 से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते हैं।  


जियो न्यूज के मुताबिक, इमरान खान ने कहा, ''हमने कोविड-19 के बढ़ते केसों और दूसरी लहर की समीक्षा की, जिसे पूरी दुनिया में अनुभव किया जा रहा है, खासकर यूरोप और अमेरिका में जहां केस तेजी से बढ़ रहे हैं और पहले आए केसों की तुलना में अधिक लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं।''

अवैध रूप से कब्जा किए गए गिलगित बाल्टिस्तान में इमरान खान की अगुआई वाली तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को बढ़त मिलने के बाद बड़े राजनीतिक दलों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और आरोप लगाए कि चुनावों में धांधली हुई है। गिलगित बाल्टिस्तान की 24 विधानसभा सीटों पर रविवार को चुनाव हुए थे। खान की पार्टी पीटीआई ने 8 सीटें जीती हैं, जबकि पीपीपी को 3 सीटें मिली हैं, जबकि सात सीटों पर निर्दलीयों ने कब्जा जमाया है।

पीपीपी चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने तीन सीटों पर धांधली का आरोप लगाया। गलगित में एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पीपीपी को मिले जनादेश को तीन सीटों गिलगित 1, घीजर 3 और सकरदू में धांधली से छीन लिया गया। इससे पहले बिलावल ने ट्वीट किया कि गिलगित बाल्टिस्तान में विधानसभा चुनाव को चुरा लिया गया है और वह जल्द ही यहां एक प्रदर्शन में शामिल होंगे। इस बीच पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की उपाध्यक्ष मरयम नवाज शरीफ ने कहा कि पीटीआई ने गिलगित बाल्टिस्तान में कुछ सीटें धांधली, बदमाशी और विश्वासघातियों की मदद से जीती है।

इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने इस्लामाबाद को 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन करने और क्षेत्र में आम चुनाव आयोजित करने की अनुमति दी थी। साल 2018 के आदेश के अनुसार गिलगित-बल्तिस्तान में प्रशासनिक बदलाव मुहैया कराया गया था और इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को यहां के विषयों में नियम बनाने को अधिकृत किया गया।

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए नई दिल्ली में पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक को आपत्तिपत्र जारी किया था। भारत ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को बताया था कि गिलगित-बल्तिस्तान के क्षेत्रों समेत केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं।