कृषि मंत्री ने दिखाया भास्कर:आंदोलन में दिखे दिल्ली दंगों के आरोपियों की रिहाई की मांग करते पोस्टर, तोमर बोले- ये किसानों की डिमांड कैसे?

किसान आंदोलन में नया विवाद जुड़ गया है। टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान गुरुवार को दिल्ली दंगों के आरोपियों शरजील इमाम, उमर खालिद के पोस्टर दिखाई दिए और इनमें उन्हें रिहा करने की मांग की गई। दैनिक भास्कर ने यह रिपोर्ट छापी।

शुक्रवार को दैनिक भास्कर की इसी रिपोर्ट को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कैमरे के सामने दिखाया। उन्होंने सवाल उठाया कि किसान की मांग MSP और कानून के प्रावधान हो सकते हैं, मगर दिल्ली दंगों के आरोपियों की रिहाई उनकी मांग कैसे हो सकती है?

दरअसल, किसानों की छह प्रमुख मांगों में कवियों, बुद्धिजीवियों, लेखकों और राइट्स एक्टिविस्ट्स की रिहाई का मुद्दा पहले से शामिल रहा है, लेकिन इससे जुड़े पोस्टरों पर दिल्ली दंगों के आरोपियों के चेहरे भी नजर आए।

इस मसले को तोमर ने भास्कर की कॉपी दिखाते हुए उठाया। उन्होंने कहा, 'मैं सुबह भास्कर अखबार देख रहा था। जो ये फोटो छपा हुआ है। किसान की मांग APMC की हो सकती है, किसान की मांग एक्ट में प्रावधानों को लेकर हो सकती है। लेकिन, ये किसान की डिमांड कहां से हो सकती है। ये डिमांड और पोस्टरबाजी हो रही है तो किसान यूनियन के नेताओं से कहना चाहता हूं कि इससे बचना चाहिए और ये किसान आंदोलन को बिखेरने की कार्रवाई है।'


आंदोलन में शरजील-उमर खालिद की रिहाई की मांग की गई
टिकरी बॉर्डर से भास्कर रिपोर्टर तोषी शर्मा ने यह खबर दी थी कि गुरुवार को धरने पर बैठे किसानों के मंच पर और महिला किसानों के हाथों में बैनर-पोस्टर नजर आए थे। इनमें दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम, उमर खालिद समेत अन्य आरोपियों और भीमा कोरेगांव के आरोपियों को छोड़ने की मांग की गई थी।

इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स डे के मौके पर टिकरी बॉर्डर पर यह अलग आयोजन हुआ था। यह कार्यक्रम किसानों के संगठन भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) ने कराया था। इसमें जेल में बंद बुद्धिजीवियों और लोकतांत्रिक अधिकार कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की गई थी।