गुजरात में दुनिया का सबसे बड़ा चिड़ियाघर बनाएगी रिलायंस, 280 एकड़ में होंगे 100 टाइप के जीव-जंतु

रिलायंस इंडस्ट्रीज गुजरात के जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा चिड़ियाघर बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इसमें विभिन्न प्रजातियों के 100 से भी अधिक जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों को रखा जाएगा। यहाँ जानवर देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लाए जाएँगे।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जामनगर में चिड़ियाघर बनाने के प्रोजेक्ट को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी देख रहे हैं। यह चिड़ियाघर जामनगर के पास मोती खावड़ी में रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिफाइनरी परियोजना के समीप 280 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के डायरेक्टर परिमल नाथवानी का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को ग्रीन्स जियोलॉजिकल रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन किंगडम (Greens Zoological Rescue and Rehabilitation Kingdom) नाम दिया गया है। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के तमाम विभागों की अनुमति भी ली जा चुकी है। अनुमान है अगले 2 साल में यह प्रोजेक्ट बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इस साल लॉकडाउन और कोरोना की वजह से इस प्रोजेक्ट में थोड़ी देरी हुई है।

चिड़ियाघर के लिए लेआउट केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा पहले ही एप्रूव्ड करवा लिया गया है और इसकी जानकारी प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। सीजेडए वेबसाइट के अनुसार, “रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा गुजरात के जामनगर में ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन किंगडम की प्रस्तावित स्थापना के लिए मास्टर (लेआउट) योजना के साथ प्रस्तुत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को 12 फरवरी, 2019 में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की 33 वीं बैठक द्वारा एप्रूव्ड किया गया था।”

उल्लेखनीय है कि इस चिड़ियाघर में सभी जानवरों के लिए अलग-अलग सेक्शन होंगे। इसमें फॉरेस्ट ऑफ इंडिया, फ्रॉग हाउस इंसेक्ट, लाइव ड्रैगन लैंड, एग्जॉटिका आईलैंड, वाइल्ड ट्रेल्स ऑफ गुजरात, एक्वेटिक किंगडम के नाम से सेक्शन बनाए जाएँगे। चिड़ियाघर का लेआउट केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की वेबसाइट पर साझा किया गया है।

यहाँ जानवरों को उस तरह का वातावरण दिया जाएगा जो उनके रहने के लिए अनुकूल हो। वहीं इस जू में आप बार्किंग डीयर, स्लेंडर लोरिस, स्लॉथ बियर, फिशिंग कैट, कोमोडो ड्रैगन, इंडियन वुल्फ और रोजी पेलिकन सहित विभिन्न जानवरों को देख पाएँगे। इसमें क्राउनड क्रेन, जैगुआर, अफ्रीकन लॉयंस के अलावा 12 शुतुरमुर्ग, 20 जिराफ, 10 काइमैन, 18 मीरकैट्स, 7 चीते, अफ्रीकी हाथी और 9 ग्रेट इंडियन बस्टर्ड भी चिड़ियाघर के मुख्य आकर्षण होंगे।। फ्रॉग हाउस में करीब 200 अलग-अलग प्रजाति के मेढक तो वहीं एक्वेटिक किंगडम में 350 तरह की मछलियाँ मौजूद होंगी।

चिड़ियाघर को लेकर वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एडिशनल डायरेक्टर जनरल सौमित्र दासगुप्ता ने कहा, “हम वन्य जीवन और इसके संरक्षण के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की रुचि और जुनून से अवगत हैं। परियोजना विवरणों के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं होने के बावजूद, मुझे यकीन है कि यह वन्यजीव संरक्षण में निजी भागीदारी के लिए एक अच्छा उदाहरण स्थापित करेगा।”

दासगुप्ता ने कहा कि भारत में निजी चिड़ियाघरों का कॉन्सेप्ट कोई नया नहीं है। देश के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक कोलकाता का ‘द जूलॉजिकल गार्डन’ भी एक प्राइवेट जू में शामिल है। बता दें आरआईएल ने जामनगर में एक संरक्षण केंद्र भी स्थापित किया है, जहाँ कुछ तेंदुओं को हाल ही में राज्य के वन विभाग द्वारा जंगल से लाया गया था। नथवाणी ने बताया कि यह केंद्र एक सीएसआर पहल के तहत है। यह चिड़ियाघर परियोजना से अलग है। यह जनता के लिए नहीं खुला है।