कोरोना की दूसरी लहर भारत पर कहर बरपा रही है। मुंबई, दिल्ली सहित बड़े शहरों में अस्पताल फुल होते जा रहे हैं तो ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मच गया है। ऑक्सीजन की कमी की शिकायतों और बढ़ती मांग के बीच मोदी सरकार ने विदेशों से ऑक्सीजन आयात का फैसला किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सरकार 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आयोत करेगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ''मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन के आयात के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। संभावित स्त्रोतों की पहचान विदेश मंत्रालय करेगा।'' स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अप्रैल 20, 25 और 30 के लिए 12 अधिक डिमांड वाले राज्यों के लिए 4880, 5629, 6593 मीट्रिक टन की पहचान की गई है। ये राज्य है महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, यूपी, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान।
महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यों से कहा है कि वे मेडिकल ऑक्सीजन का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करें और यह सुनिश्चित करें कि ऑक्सीजन की बर्बादी न हो। उसने यह भी कहा कि देश में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। केंद्र ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ मेडिकल ऑक्सीजन की खपत को राज्यों की आवश्यकताओं के साथ तालमेल रखना होगा।
कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए मेडिकल ऑक्सीजन बहुत महत्वपूर्ण है। जिन रोगियों को सांस लेने में तकलीफ होती है उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाता है। सरकार ने कहा है कि देश में ऑक्सीजन के लिए लगभग 7,127 एमटी की उत्पादन क्षमता है और आवश्यकतानुसार, इस्पात संयंत्रों के पास उपलब्ध अधिशेष ऑक्सीजन को भी उपयोग में लाया जा रहा है। देश में प्रतिदिन 7,127 एमटी ऑक्सीजन की दैनिक उत्पादन क्षमता है। देश में मेडिकल ऑक्सीजन की अधिकतम खपत महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली जैसे राज्यों द्वारा की जा रही है, जिसके बाद छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान का स्थान आता है।