लता मंगेशकर के आखिरी सफर में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी और नम आंखों से लोगों ने उन्हें विदाई दी। अंतिम संस्कार के काफिले में गायिका आशा भोसले और उनका पूरा परिवार मौजूद रहा।
एक महीने से अस्पताल में थीं भर्तीं
कोरोना होने के बाद लता मंगेशकर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह करीब 1 महीने तक ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं। इस बीच उनके फैन्स उनके लिए लगातार दुआएं कर रहे थे लेकिन स्वर कोकिला ने हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया।
दो दिन का राष्ट्रीय शोक
डॉक्टर प्रतीत समदानी अपनी टीम के साथ लता मंगेशकर का इलाज कर रहे थे। लता मंगेशकर के निधन पर डॉक्टरों ने अपने बयान में कहा, उनके कई अंगों ने काम बंद कर कर दिया जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। सुबह 8 बजकर12 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। केंद्र सरकार ने लता मंगेशकर के निधन पर 6 और 7 फरवरी को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
'खालीपन छोड़ गईं'
लता मंगेशकर के निधन पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य राजनीतिक हस्तियों ने दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं ये दुख शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा हूं। दयालु और देखभाल करने वालीं लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं। उन्होंने जो खालीपन छोड़ा है उसे भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी मधुर आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अनोखी क्षमता थी।‘
I am anguished beyond words. The kind and caring Lata Didi has left us. She leaves a void in our nation that cannot be filled. The coming generations will remember her as a stalwart of Indian culture, whose melodious voice had an unparalleled ability to mesmerise people. pic.twitter.com/MTQ6TK1mSO