1000 लोगो की भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर हमला किया, बलात्कारियों को बाहर घसीटा और मारकर चौराहे पर फेंक दिया

 

पिछले कुछ सालो से देश में बलात्कार के मामले कुछ ज्यादा ही आ रहे हैं. बलात्कार की बढ़ती इन घटनाओ से महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. हद तो तब हो जाती हैं जब हवस के भूखे ये दरिन्दे मासूम बच्चो को भी अपना शिकार बनाने से बाज नहीं आते हैं. बच्चे इन दरिंदो के लिए आसान शिकार होते हैं. ऐसे में इस तरह की घटनाओं को सुन कई लोगो का खून खौल उठता है. गुस्सा तो इस बात पर आता हैं कि रेप होने के बाद आरोपियों को सजा देने में कई कानूनी करवाई होती हैं जिसमे काफी समय लग जाता हैं. कई बार तो ये बलात्कारी कम सजा पाकर ही बच निकलते हैं. कुछ लोगो का तो यह भी कहना हैं कि जब तक इन बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं दी जाएगी तब तक इस तरह की घटनाओ पर लगाम लगाना काफी मुश्किल हैं.
शायद यही वजह थी कि अरुणाचल प्रदेश के तेजू गाँव के रहवासियों ने बलात्कार के दो आरोपियों को सजा देने के लिए कानूनी प्रक्रिया का इंतज़ार नहीं किया और अपने ही हाथ में कानून लेकर 5 साल की बच्ची के दो बलात्कारियों को मौत के घाट उतार दिया. आइए विस्तार से जाने क्या हैं पूरा मामला…
जानकारी के मुताबिक ये पूरी घटना अरुणाचल प्रदेश के तेजू गाँव की हैं. यहाँ 7 फ़रवरी को एक 5 साल की बच्ची किडनेपिंग के बाद गायब हो गई थी. घटना के 5 दिन बाद यानी 12 फ़रवरी को बच्ची नग्न हालत में चाय के गार्डन में मृत पाई गई. बच्ची के शरीर और सिर पर कई गहरी चोटे भी थी. इसके बाद 18 फ़रवरी को पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों संजय सॉबोर (30) और जगदीश लोहार (25) को गिरफ्तार किया था. पुलिस की कड़ी पूछ’ताछ के बाद संजय ने बच्ची से रेप का जुर्म स्वीकार किया था. उसने ये भी बताया कि बच्ची की हत्या जगदीश के पास उपस्थित चाकू से की गई थी.
आरोपियों के खिलाफ कानूनी करवाई की तैयारी चल ही रही थी लेकिन अगले दिन 19 फ़रवरी को करीब 1000 लोगो की भीड़ पुलिस स्टेशन के बाहर एकत्रित हो गई. गुस्से से पिलपिलाए इन लोगो ने पुलिस स्टेशन पर हमला बोल दिया. ये लोग स्टेशन के अन्दर घुसे, लॉकअप तोड़ा और दोनों बलात्कारियों को घसीट कर भाग गए. दिन के 12:05 पर हुए इस हमले में कुछ पुलिस वाले भी घायल हो गए.
जानकारी के मुताबिक गुस्साई भीड़ ने दोनों बलात्कारियों की लकड़ी से पिटाई की और उन्हें मार डाला. इसके बाद कुछ लोगो ने बलात्कारियों के मृत शरीर को बाजार में बीच चौराहे पर फेंक दिया. इसके पहले कि पुलिस वहां पहुँचती वे सभी वहां से भाग चुके थे.
पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगो के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया हैं. वहीँ भीड़ को काबू में ना कर पाने की वजह से तेजू पुलिस स्टेशन के तीन अधिकारीयों को सस्पेंड कर दिया गया. साथ ही लोहित जिले के पुलिस सुप्रिटेनडेंट का भी तबादला कर दिया गया.
भीड़ की इस एक्शन की सोशल मीडिया पर कई लोग तारीफ कर रहे हैं. हालाँकि कुछ लोगो का कहना हैं कि भीड़ को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए था. वैसे आप लोगो की इस पर क्या राय हैं? क्या भीड़ ने कानून अपने हाथ में ले बलात्कारियों को मार सही किया? अपनी राय कमेन्ट में जरूर दीजिएगा.