पाकिस्तान से छपकर आए 2000 के नोट देख उड़े अधिकारियों के होश, क्वालिटी ऐसी कि बैंक भी न पकड़ पाए

 

नोटबंदी के दौरान सरकार और आरबीआई द्वारा किए नए नोटों की क्वालिटी को लेकर किए गए सारे दावे फेल होते दिख रहे हैं।

दरअसल, बिहार के किशनगंज में शुक्रवार को नकली नोटों के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 2 हजार और 500 रुपए के नकली नोटों के बंडल मिले हैं। इन नोटों का कुल कीमत 2 लाख रुपए बताई जा रही है। सबसे हैरानी की बात ये है कि सारे नोटों की छपाई पाकिस्तान में हुई है।

यह पहली बार है जब नोटबंदी के बाद नकली नोटों की इतनी बड़ी खेप पकड़ी गयी है। बताया जा रहा है कि डॉयरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ( डीआरआई) की विशेष टीम ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ मिलकर अनवारूल को किशनगंज से एक मोटरसाइकिल के साथ पकड़ा। वह मोटरसाइकिल से नेपाल से आ रहा था।


शुरुआती जांच में यह बात सामने आयी कि दो हजार के इन नकली नोटों के 90% फीचर या सुरक्षा मानक असली नोटों से मिल रहे हैं, जबकि 500 रुपये के नकली नोटों के 60 से 70% सुरक्षा मानक असली नोट से मिल रहे थे। इससे साफ हो गया है कि इन नोटों को किसी हाई क्वालिटी की प्रिंटिंग प्रेस में छापा गया है। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि यह नोट पाकिस्तान के रास्ते नेपाल लाए गए और वहां से वो इन नोटों को भारत में सप्लाई करने लाया था।


पूछताछ से पता चला कि नेपाल में साढ़े चार हजार रुपये के असली नोट देने पर एक लाख रुपये के नकली नोट मिल जाते हैं। इनमें दो हजार और 500 रुपये के नकली नोट ही मुख्य रूप से शामिल होते हैं। इस हिसाब से अनवारूल हक भी नौ हजार रुपये के नोट देकर देकर दो लाख रुपये नकली नोट लिये थे। रास्ते में उसने 500 रुपये का एक नकली नोट खर्च भी किया था। इसके बाद उसके पास एक लाख 99 हजार 500 रुपये के नकली नोट बचे हुए थे, जिन्हें लेकर वह बिहार आ रहा था और उसकी योजना अलग-अलग स्थानों पर इसकी तस्करी करने की योजना थी।

नेपाल में मिलने वाले ये नकली भारतीय नोट यहां से सिर्फ वितरित होते हैं। असल में ये छपकर पाकिस्तान से ही आते हैं। अब तक की जांच यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि इतनी हाई क्वालिटी के नकली नोटों को पाकिस्तान के सरकारी प्रेस में ही छापा जाता है। तभी नये नोटों में मौजूद 20 से ज्यादा सुरक्षा मानकों में 90% से ज्यादा मानकों की कॉपी कर ली गयी है।