गुरुवार की दोपहर जम्मू के एक बस स्टैंड पर ग्रेनेड से आतंकी हमला हुआ।
जिसमें 32 लोगों के घायल और 1 के मरने की खबर है। इस विस्फोट में 17 साल के
मोहम्मद शारिक की मौत हो गई। हमले के बाद से सुरक्षा बलों ने घटनास्थल को
घेरे में ले लिया। इस वारदात में जम्मू कश्मीर पुलिस को कुछ घंटे के बाद ही
सफलता मिल गई और यासिर जावेद भट्ट नाम के एक आतंकी को गिरफ्तार कर लिया।
बता दें यासीन ने इस हमले के पीछे हिजबुल मुजाहिद्दीन का हाथ बताया है।
यासीन को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नगरोटा से गिरफ़्तार किया। इस हमले की
जिम्मेदारी हिज़्बुल के कमांडर ओमार ने कुलगाम में दी थी। यासीन हमला करके
वापस भागने की फ़िराक़ में था लेकिन उससे पहले ही वो जम्मू-कश्मीर पुलिस के
हत्थे चढ़ गया।
इसको लेकर हुई प्रेस कांफ्रेंस में आईजी ने कहा, “जम्मू बस स्टैंड पर
ग्रेनेड हमला आतंकी हमला था, आरोपी यासिर जावेद भट्ट गिरफ्तार किया गया और
उसने आरोप कबूल कर लिया है। हिजबुल मुजाहिद्दीन के कहने पर हमला किया गया
था और आरोपी आज सुबह ही जम्मू आया था, हमले का पहले से कोई सटीक इनपुट नहीं
था।”
विस्फोट के चश्मदीद ने कहा, ‘‘जिस समय धमाका हुआ, मुझे लगा कोई टायर फट
गया है। यह बहुत तेज धमाका था।’’ आईजीपी एमके सिन्हा ने बताया कि ग्रेनेड
बस के नीचे जाकर गिरा। यह ग्रेनेड हमला स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन
(एसआरटीसी) की बस पर हुआ। बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। बस का ड्राइवर
और कंडक्टर भी गंभीर जख्मी हुए हैं। मई 2018 के बाद से अब तक बस स्टैंड पर
यह तीसरा ग्रेनेड हमला है।
इस हमले को लेकर पुलिस का कहना है कि, ‘हमलावरों की पहचान के लिए
सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। हादसे के दौरान बस में ज्यादा लोग मौजूद
नहीं थे। यह जम्मू का प्रमुख और अतिव्यस्तम बस स्टैंड है। स्टैंड के पास
एक बड़ी फल मंडी भी है।’