जम्मू-कश्मीर में लागू विवादास्पद अनुच्छेद 35 ए के बारे में जल्दी ही
एक बड़ी खबर आ सकती है। जानकारी के मुताबिक 15 अगस्त के बाद गृह मंत्रालय
इसी सिलसिले में एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहा है। इस बैठक में 35 ए से
निजात पाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
इस बैठक में कई केंद्रीय मंत्री, उनके सचिव, जम्मू कश्मीर के काडर के वरिष्ठ नौकरशाह और संविधान विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि मोदी सरकार अनुच्छेद 35 ए
को खत्म करने के हक में है। बात बस रोड मैप पर अटकी हुई है। गृह मंत्रालय
की इस बैठक में रोड मैप पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा।
अनुच्छेद 35 ए के चलते जम्मू कश्मीर से बाहर का कोई व्यक्ति यहां अचल
संपत्ति नहीं खरीद सकता है। वह इस राज्य का स्थाई निवासी भी नहीं हो सकता।
उसे राज्य की नौकरियां, छात्रवृत्ति व अन्य विशेषाधिकार भी नहीं हासिल हो
सकते हैं। इस अनुच्छेद को समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित
याचिकाएं भी दायर की गई हैं।
अनुच्छेद 35 ए को तत्कालीन नेहरू सरकार ने साल 1954 में राष्ट्रपति के
आदेश से संविधान में जगह दी थी। उस वक़्त जम्मू-कश्मीर में शेख अब्दुल्ला की
सरकार थी जो इसकी सिफारिश कर रहे थे। यह अनुच्छेद संविधान की किताब में
नहीं शामिल है। इसे अलग से संलग्नक में रखा गया है।