तीसरी बार लोकसभा में पेश किया गया तीन तलाक बिल एक बार फिर से पास हो
गया है। कांग्रेस समेत डीएमके, एनसीपी और कई विपक्षी पार्टियों ने इस बिल
का विरोध जरुर किया। लेकिन फिर भी इस बिल को पास कर दिया गया।
यह बिल पिछली लोकसभा से पास हो चुका था लेकिन राज्यसभा से इस बिल को
वापस कर दिया गया था। इसके बाद 16वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद
इस लोकसभा में सरकार कुछ बदलावों के साथ फिर से बिल को लेकर आई है। अब इस
बिल को राज्यसभा से पारित कराने की चुनौती सरकार के सामने हैं जहां एनडीए
के पास पूर्ण बहुमत नहीं है।
लोकसभा में बिल को विचार के लिए पेश करने के पक्ष में 303 और विपक्ष में
82 वोट पड़े। तीन तलाक बिल को पेश करने का प्रस्ताव पारित हो गया। अब बिल
पर संशोधन पर वोटिंग हो रही है और ओवैसी की ओर से लाए गए संशोधन को सदन ने
ध्वनिमत से खारिज कर दिया है। ओवैसी की ओर से दिए गए दूसरे संशोधन को भी
सदन ने खारिज कर दिया है। एन के प्रेमचंद्रन के संशोधन प्रस्ताव को भी
खारिज कर दिया गया है।
लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री ने बजट सत्र को 7 अगस्त तक बढ़ाने की
मांग की जिसके बाद लोकसभा स्पीकर की अनुमति से सत्र को 7 अगस्त तक बढ़ा
दिया है। सरकार का कहना है कि 17 विधेयक लंबित है और काफी सरकारी कामकाज
बाकी है, ऐसे में सत्र जो कि 26 जुलाई को खत्म हो रहा था, उसकी अवधि बढ़ाई
जाए।