संसद के बजट सत्र में आज(बुधवार को) लोकसभा में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप
निवारण संशोधन बिल यानी UAPA बिल पास हो गया है। हालांकि बिल पास होने से
पहले सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस बिल को स्टैंडिंग
कमेटी में भेजने की मांग की। इस मांग के साथ ही कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट
किया।
बिल पर विपक्ष ने डिवीजन ऑफ वोट की मांग की जिसके बाद वोटिंग के जरिए इस
बिल को पास किया गया। बता दें कि इस बिल के पक्ष में 287 वोट पड़े और बिल
के विरोध में 8 वोट पड़े। इसके बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को
अस्वीकार करते हुए विधेयक को मंजूरी दे दी। इस बिल पर गृहमंत्री ने कहा कि
हम जो ये कानून लेकर आये हैं वो हमारे एजेंसियों को आतंकी और आतंक से 4 कदम
आगे ले जाने का काम करेंगे।
बिल पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि “आज समय की मांग है
कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कानून बनाया जाए। कानून के दिल में अर्बन
नक्सलियों के लिए कोई दया नहीं है। बिल के इतिहास को बताते हुए शाह ने कहा
कि, “यह कानून इंदिरा गांधी की सरकार लेकर आई थी, हम तो बस इसमें छोटा-सा
संशोधन कर रहे हैं। लेकिन विपक्ष के जो नेता इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें
याद रखना चाहिए कि जब उन्होंने इस बिल में संशोधन किया था वो भी सही था और
आज जो हम कर रहे हैं वो भी सही है।
अर्बन नक्सलियों को लेकर शाह ने कहा कि सामाजिक जीवन में देश के लिए काम
करने वाले बहुत लोग हैं, लेकिन अर्बन माओइज्म के लिए जो काम करते हैं उनके
लिए हमारे दिल में बिल्कुल भी संवेदना नहीं है।
विपक्ष ने इस कानून के दुरुपयोग होने की आशंका का सवाल किया, तो शाह ने
जवाब में कहा कि, “इस बिल में प्रावधान हैं कि किसी व्यक्ति को कब आतंकी
घोषित किया जाएगा। आतंकवाद बंदूक से नहीं बल्कि प्रचार और उन्माद से पैदा
होता है। ऐसा करने वालों को आतंकी घोषित करने में किसी को आपत्ति क्यों हो
रही है।”
अमित शाह बोले कि विपक्ष कह रहा है कि सरकार इसके जरिए किसी भी कंप्यूटर
में घुस जाएगी, अगर आतंकवाद से जुड़ा काम करोगे तो पुलिस आपके कंप्यूटर
में जरूर घुसेगी। गृह मंत्री ने कहा कि हालांकि ‘इस बिल में भी हमने अपील
के लिए विकल्प खुले रखे हैं। जो लोग UPA सरकार के दौरान हमारे खिलाफ जांच
कर रहे थे वही आज NIA में कार्यरत हैं, तब उनपर भरोसा था तो आज क्यों नहीं
है।’
अमित शाह ने कहा कि अगर व्यक्ति के मन में आतंकवाद है
तो संगठन को बैन करने से कुछ नहीं होगा, तब वह नया संगठन बना लेगा, इस वजह
से व्यक्ति को भी आतंकी घोषित करने का प्रावधान लाना जरूरी है। उन्होंने इस
दौरान अमेरिका, UN, चीन, इजरायल और पाकिस्तान जैसे देशों का भी उदाहरण
दिया।