देश में कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार लगातार जनहित में फैसले ले रही है। लेकिन इसके साथ ही सरकार के आगे गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से उठाने की बड़ी चुनौती भी है। इसी के चलते आरबीआई ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि इस समय आर्थिक परिस्थिति देश में कैसी है। आने वाले वक्त में कोरोनावायरस की वजह से किस तरह के प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकते हैं।
अब इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार Covid 19 से लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ रही। एक मज़बूत और स्थिर भारत को बनाने की योजना से लोगों के जीवन में कम बाधाएं आयें इसका ख़ास ख्याल रखा जा रहा है। रिज़र्व बैंक ओफ़ इंडिया RBI ने भारत की अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए जो कदम उठाए हैं वे प्रधानमंत्री मोदी के विजन को प्रबल करते हैं।
Modi govt is leaving no stone unturned in fight against #COVID19, ensuring minimum disruption in people’s lives while planning for a strong & stable India in days ahead. Steps taken by RBI today to boost Indian economy further reinforce PM Modi's vision: Home Minister Amit Shah
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ग़ौरतलब है कि गृह मंत्री के इस बयान से पहले भारतीय रिजर्व बैंक की आज की घोषणाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि -रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की आज की घोषणाओं से नकदी और ऋण आपूर्ति में सुधार आएगा। इन कदमों से हमारे छोटे व्यवसायों, एमएसएमई, किसानों और गरीबों को मदद मिलेगी। यह डब्ल्यूएमए की सीमा बढ़ाकर सभी राज्यों की मदद भी करेगा।
Today’s announcements by @RBI will greatly enhance liquidity and improve credit supply. These steps would help our small businesses, MSMEs, farmers and the poor. It will also help all states by increasing WMA limits.
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गौरतलब है कि किसानों और गरीबों का लॉक डाउन के बीच सरकार खास ख्याल रख रही है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉक डाउन 2.0 के दौरान किसानों और कुछ लघु उद्योगों को राहत देने का फैसला किया है। लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों के अंदर बंद हैं। जिसके चलते आर्थिक गतिविधियां एक तरह से रुक गई हैं।
इसीलिए लोगों के सामने आर्थिक तंगी की समस्या खड़ी हो सकती है। इस लॉकडाउन के बीच अधिकतर लोगों के पास पैसे की तंगी हो गई है इस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह कहकर राहत दी है कि महंगाई में गिरावट का दौर लगातार जारी रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बताया कि मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख है और केंद्रीय बैंक का यह अनुमान है कि चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति दर घटकर उसके चार फीसदी के लक्ष्य से नीचे आ जाएगी।
इन बारे में उन्होंने आगे बताया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अपने जनवरी 2020 के शीर्ष स्तर से 1.70 प्रतिशत तक नीचे आ गई है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार सुबह एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘आने वाले समय में आपूर्ति पक्ष के अवरोधों के बावजूद मुद्रास्फीति और भी घट सकती है और 2020-21 की दूसरी छमाही तक यह 4 प्रतिशत के उसके लक्ष्य से भी नीचे जा सकती है। बेशक ये चिंता का विषय है लेकिन जल्द ही भारत इस महामारी से निपट लेगा और फिरसे अर्थव्यवस्था पहले की तरह पटरी पर लौट आएगी।