11 वर्षीय मासूम को एक मदरसे में अमानवीय यातनाएं दी गईं। बालक को जंजीरों से बांधकर पीटा गया। किसी तरह उसने भागकर अपनी जान बचाई। चाइल्ड लाइन की टीम और कोतवाली पुलिस ने उसका मेडिकल कराया और बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। थाना जहानाबाद क्षेत्र के ग्राम बिलई निवासी 11 वर्षीय मुजाहिद नूर पुत्र शाहिद नूर शहर कोतवाली क्षेत्र के एक मदरसे में कक्षा चार में पढ़ाई करता है। मुजाहिद ने कोतवाली पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम को बताया कि मदरसे में उसके साथ मारपीट की जाती है। उसको जंजीरों से बांधकर रखा जाता है। जब वह अपने घर पर बात कराने के लिए कहता है तो उसकी पिटाई की जाती है।
किसी तरह जंजीर ढीली होने पर वह मदरसे से भाग गया और नेहरू पार्क के समीप पहुंचा। नेहरू पार्क के समीप उसको चाइल्ड लाइन की टीम मिल गई। टीम ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी तो पुलिस पहुंच गई। कोतवाली पुलिस ने मासूम के बयान लेने के बाद उसका जिला अस्पताल में मेडिकल कराया। मेडिकल के दौरान उसके शरीर में चोटों की पुष्टि हुई है। सूचना मिलने पर परिजन भी कोतवाली पहुंचे। चाइल्ड लाइन टीम और पुलिस ने मासूम को बाल कल्याण समिति की न्यायिक पीठ के समक्ष पेश किया। बालक को फिलहाल परिवार के सुपुर्द कर दिया गया है।